ये भी पढ़ें- आगरा जा रहे हैं तो पढ़ ले यह खबर, तीन इलाके किए गए डेंजर जोन घोषित, जापानी पर्यटकों के लिए गए सैंपल बुधवार को उन्होंने कहा कि 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पिता को खोया व 10 मार्च 2020, जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। इन दो दिनों ने मेरा जीवन बदल दिया। मैंने जीवन में नई परिकल्पना, नए मोड़ का सामना करके एक निर्णय लिया है। मेरे पिताजी ने और मैंने पिछले 18 -19 वर्षों में जो समय मुझे मिला है, उसमें पूरी श्रद्धा के साथ प्रदेश और देश की सेवा करने की कोशिश की।
ये भी पढ़ें- शिवपाल का आशीर्वाद तो लिया, लेकिन ज़िंदाबाद के नारे पर उखड़ गया अखिलेश का मूड, सबको डाँटकर कराया चुप, देखें वीडियो ऐसे हुई थी पिता की मौत- माधवराव सिंधिया 30 सितंबर 2001 को एक विमान में सवार थे। उनके साथ उनके निजि सचिव रुपिंदर सिंह, कुछ बड़े पत्रकारों को जोड़कर कुल आठ लोग विमान में मौजूद थे। लेकिन दुर्भाग्यवश यूपी के मैनपुरी में प्लेन क्रैश हो गया। माधवराव सिंधिया समेत सभी आठ लोगों की इसमें मृत्यु हो गई। माधव राव सिंधिया आपातकाल के दौरान अपनी मां विजया राजे सिंधिया से बगावत करके कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। माधवराव सिंधिया केंद्र में कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे।