ज्योतिषाचार्य के अनुसार
लखनऊ निवासी ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र तिवारी ने बताया है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा केवल विवाहित महिलाएं ही करती हैं। सभी महिलाएं इस पूजा को करने का साथ-साथ अपने पति की लम्बी उम्र कामना करती हैं। क्योंकि वट वृक्ष अमरता का प्रतीक माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन करना चाहिए।
पुराण के अनुसार
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सभी महिलाएं वट वृक्ष की पूजा व उसकी परिक्रमा करके अपने पति की लम्बी आयु, संतान पाने और सुख-शांति के लिए करती हैं। इस दिन वट वृक्ष को जल से सींचकर उसमें सूत लपेटकर उसकी 108 बार परिक्रमा करती हैं। पुराणों में लिखा है कि वट वृक्ष के मूल में भगवान ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा अग्रभाग में महादेव का वास होता है। इसलिए वट वृक्ष की पूजा करने से ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों का वरदान एक साथ प्राप्त होता है।
ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ हनुमान का भी मिलेगा वरदान
मंगलवार के दिन सभा लोग वट वृक्ष के साथ हनुमान की भी पूजा करें इससे आपको ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ हनुमान का भी वरदान प्राप्त होगा। जिससे आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी और जीवन में आने वाले सभी कष्टों से मुक्ति भी मिल जाएगी। और आपके जीवन में किसी प्रकार की कोई भी समस्या नहीं आएंगी।