अखिलेश प्रसाद ने क्या कहा ?
जेपी कन्वेशन सेंटर जाने से रोके जाने के बाद अखिलेश यादव ने घर में लगी जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि समाजवादी धारा के बड़े नेता मुलायम सिंह यादव जेपी आंदोलन में अग्रणी नेताओं में गिने जाने जाते थे। अखिलेश यादव को उनकी मूर्ति पर जाने से रोकना लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटने जैसा है। इसकी हम लोग निंदां करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार संविधान को बदलने पर तुली हुई है। ऐसे में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के विवेक पर निर्भर करता है कि वह भाजपा के साथ रहना चाहते हैं या नहीं। यह उन्हीं के विवेक पर छोड़ा जाना चाहिए।
डॉ स्नेहाशीष वर्धन पांडेय ने क्या कहा ?
बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रवक्त्ता डॉ स्नेहाशीष वर्धन पांडेय ने कहा कि लोकतंत्र में इससे भयावह दृश्य नहीं देखने को मिला था कि किसी जननायक की जयंती पर राज्य के मुख्य विपक्षी दल के मुखिया को पुष्पांजलि से रोका जाएं। भारतीय लोकतंत्र में ऐसा भयतंत्र और रोकतंत्र के लिए कोई स्थान नहीं है और इस तरीके के जबरिया कार्रवाईयों से भाजपा देश के नायकों पर अपने अधिकार जताने के नाहक प्रयास में जनता के हाथों दंडित होने को तैयार रहे। यह भी पढ़ें
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सपा प्रवक्ता ने क्या कहा ?
सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने इस मामले पर कहा कि कमजोर सरकार, लाचार सरकार, बेईमान सरकार, भ्रष्टाचारी सरकार, लोकतंत्र को खत्म करने वाली सरकार क्या जेपीएनआईसी जाने से रोक पाएगी। समाजवादी पार्टी की नेता जूही सिंह ने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र से डरती है, आवाजों से डरती है। केवल माल्यार्पण का कार्यक्रम था लेकिन हमें क्यों रोका गया है? यह भी पढ़ें