किसको मिल सकता है एडमीशन
एनआरटीआइ, वड़ोदरा के परिवहन प्रबंधन में बीबीए के तीन साल के कोर्स में एडमीशन के लिए गणित विषय के साथ बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसी तरह परिवहन प्रौद्योगिकी यानी ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट में बीएसएसी कोर्स के तीन साल के पाठ्यक्रम में एडमीशन के लिए विज्ञान वर्ग गणित विषय के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण युवा आवेदन कर सकते हैं। लेकिन बारहवीं परीक्षा में कम से कम 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए। ओबीसी,एससी और एसटी के लिए 50 प्रतिशत अंक निर्धारित है। आवेदक की उम्र 1 अगस्त 2019 को 25 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट कोर्स से ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में मैनेजमेंट सिस्टम की पढ़ाई होती है। जबकि, बैचलर ऑफ साइंस इन ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी के तीन साल के कोर्स में ट्रांसपोर्टेशन फील्ड में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होती है। यह दोनों कोर्स यूजीसी और एआइसीटीइ से मान्यता प्राप्त हैं।
एनआरटीआइ, वड़ोदरा के परिवहन प्रबंधन में बीबीए के तीन साल के कोर्स में एडमीशन के लिए गणित विषय के साथ बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसी तरह परिवहन प्रौद्योगिकी यानी ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट में बीएसएसी कोर्स के तीन साल के पाठ्यक्रम में एडमीशन के लिए विज्ञान वर्ग गणित विषय के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण युवा आवेदन कर सकते हैं। लेकिन बारहवीं परीक्षा में कम से कम 55 प्रतिशत अंक होने चाहिए। ओबीसी,एससी और एसटी के लिए 50 प्रतिशत अंक निर्धारित है। आवेदक की उम्र 1 अगस्त 2019 को 25 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट कोर्स से ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में मैनेजमेंट सिस्टम की पढ़ाई होती है। जबकि, बैचलर ऑफ साइंस इन ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी के तीन साल के कोर्स में ट्रांसपोर्टेशन फील्ड में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी की पढ़ाई होती है। यह दोनों कोर्स यूजीसी और एआइसीटीइ से मान्यता प्राप्त हैं।
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कैसे होगा चयनएनआरटीआइ के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा एनआरटीयू एप्टीट्यूट टेस्ट देनी होगी। यह परीक्षा 30 जून 2019 को देश के अलग-अलग स्थानों पर आयोजित की जाएगी। आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि 15 जून 2019 है। यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर 7 जून से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। एनआरटीआइ प्रवेश परीक्षा के आवेदन के लिए सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस छात्रों को 500 रुपए आवेदन शुल्क देना होगा। जबकि एससी, एसटी और पीडब्ल्यूडी छात्रों को आवेदन शुल्क 250 रुपए निर्धारित है। एनआरटीआई प्रवेश परीक्षा 2019 कंप्यूटर आधारित होगी। यह परीक्षा देशभर के 25 केंद्रों पर आयोजित होगी। परीक्षा में 100 प्रश्न पूछे जाएंगे, उन्हें हल करने के लिए उम्मीदवार को डेढ़ घंटे का समय मिलेगा।
एनआरटीयू में कैसे करें आवेदन
एनआरटीयू एडमिशन 2019 के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। पहले चरण में सबसे पहले एनआरटीयू की ऑफिशिल वेबसाइट पर जाकर टाइटल बार में ‘अप्लाई नाउ’ पर क्लिक करना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन कालम में जाकर जरूरी जानकारियां भरनी होंगी। निर्धारित लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना होगा।
एनआरटीयू एडमिशन 2019 के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। पहले चरण में सबसे पहले एनआरटीयू की ऑफिशिल वेबसाइट पर जाकर टाइटल बार में ‘अप्लाई नाउ’ पर क्लिक करना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन कालम में जाकर जरूरी जानकारियां भरनी होंगी। निर्धारित लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना होगा।
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बीबीए और बीएससी ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट व टेक्नालॉजी के संबंध मेंपरिवहन प्रबंधन में बीबीए इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट और परिवहन प्रौद्योगिकी में बीएएसी,बीएससी इन ट्रांसपोर्ट टेक्नालॉजी यह दोनों कोर्स पूर्ण आवासीय स्नातक पाठ्यक्रम हैं। दोनों कोर्स में मिलाकर कुल 105 सीटें हैं। इन दोनों कोर्स में ट्रांसपोर्ट एडं सिस्टम डिजाइन, ट्रांसपोर्ट सिस्टम्स इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्ट पॉलिसी एडं इकोनॉमिक्स जैसे कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं। जल्द ही इन विषयों में स्नातकोत्तर पाठयक्रम भी शुरू किया जाना है। रेल मंत्रालय ने अगले पांच सालों तक इस परियोजना के लिए 421 करोड़ रूपये मंजूर किए हैं।
एनआरटीयू कोर्स की फीस
बीबीए और बीएससी कोर्स की फीस लगभग समान है। फिलहाल इन कोर्स के लिए छात्रों को प्रतिवर्ष 91075 रुपये का भुगतान करना होगा। लेकिन पात्र विद्यार्थियों के लिए शिक्षा शुल्क में 100 प्रतिशत और छात्रावास शुल्क में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी। स्कॉलरशिप और अत्याधुनिक लाइब्रेरी की सुविधा भी उपलब्ध है।
बीबीए और बीएससी कोर्स की फीस लगभग समान है। फिलहाल इन कोर्स के लिए छात्रों को प्रतिवर्ष 91075 रुपये का भुगतान करना होगा। लेकिन पात्र विद्यार्थियों के लिए शिक्षा शुल्क में 100 प्रतिशत और छात्रावास शुल्क में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी। स्कॉलरशिप और अत्याधुनिक लाइब्रेरी की सुविधा भी उपलब्ध है।
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एनआरटीयू में छात्रों के लिए सुविधाएनआरटीयू अभी अपने खुद के कैंपस में नहीं चल रहा है। बल्कि इसको प्रताप विलास पैलेस नेशनल अकेडमी ऑफ इंडियन रेलवे के कैंपस में संचालित किया जा रहा है। यह एक एतिहासिक इमारत है। इसका निर्माण 1908 से 1914 के बीच हुआ था। फिलहाल एनआरटीयू के लिए 100 एकड़ जमीन का चयन कर लिया गया है। यहां जल्द ही यूनिवर्सिटी का निर्माण शुरू होगा। फिलहाल सभी स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल की सुविधा है।
एनआरटीयू के बारे में
भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान (आइआरआइटीएम), 2003 में लखनऊ में स्थापित किया गया था। इसका काम भारत में व्यापार परिदृश्य और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, रसद, एविएशन, पोर्ट, नौवहन, राजमार्ग और रेलवे के क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था को सुगम बनाना था। लेकिन इस संस्थान में सिर्फ डिप्लोमा कोर्स चल रहे थे। बाद में रेलवे स्थापनाओं में परियोजना आधारित अध्ययन और जरूरतों को देखते हुए अलग से विश्वविद्यालय स्थापित करने की जरूरत महसूस हुई। इसलिए वर्ष 2018 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने देश की पहली रेल यूनिवर्सिटी को वड़ोदरा में उदघाटन किया। रूस और चीन के बाद एनआरटीयू दुनिया की ऐसा तीसरा विश्वविद्यालय है, जो सिर्फ रेल के कामकाज से जुड़ी पढ़ाई कराता है।
भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान (आइआरआइटीएम), 2003 में लखनऊ में स्थापित किया गया था। इसका काम भारत में व्यापार परिदृश्य और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, रसद, एविएशन, पोर्ट, नौवहन, राजमार्ग और रेलवे के क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था को सुगम बनाना था। लेकिन इस संस्थान में सिर्फ डिप्लोमा कोर्स चल रहे थे। बाद में रेलवे स्थापनाओं में परियोजना आधारित अध्ययन और जरूरतों को देखते हुए अलग से विश्वविद्यालय स्थापित करने की जरूरत महसूस हुई। इसलिए वर्ष 2018 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने देश की पहली रेल यूनिवर्सिटी को वड़ोदरा में उदघाटन किया। रूस और चीन के बाद एनआरटीयू दुनिया की ऐसा तीसरा विश्वविद्यालय है, जो सिर्फ रेल के कामकाज से जुड़ी पढ़ाई कराता है।
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नौकरी की संभावनाएंपरिवहन प्रबंधन और परिवहन प्रौद्योगिकी में बीबीए और बीएससी के बाद रोजगार की कमी नहीं है। भारतीय रेलवे में ही प्रतिदिन लाखों टन माल का परिवहन होता है। इसके अलावा रेलवे ने एनटीपीसी,इफको, सेल,कोल इंडिया आदि बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए अलग से रेलवे लाइनें बिछाई हैं। यहां से भी प्रतिदिन सैकड़ों टन माल लदता और उतरता है। इन सभी ढुलाई कार्यो का प्रबंधन करना और इसमें किस तरह की नई-नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है इन सभी कार्यो को अंजाम देना ट्रांसपोर्ट मैनेजर का ही काम है। इस तरह कोर्स पूरा होने के बाद निजी और सरकारी संस्थानों में नौकरियों की अपार संभावनाएं हैं।