फायदेमंद है यह तकनीक इस तकनीक को केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लॉन्च किया है। यह सुविधा उन वरिष्ठ नागरिक पेंशनभोगियों के लिए उपयोगी होगी जो अपनी उंगलियों के निशान बायोमेट्रिक आईडी के रूप में जमा नहीं कर सकते। नई तकनीक से वह यूआईडीएआई आधार सॉफ्टवेयर पर आधारित फेस रिकग्निशन सर्विस के माध्यम से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकेंगे। फेस रिकग्निशन तकनीक के उपयोग से पेंशनभोगी या पारिवारिक पेंशनभोगी की पहचान निर्धारित की जाएगी। फिलहाल, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन स्टोर किया जाता है।
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रजिस्टर्ड आधार नंबर जरूरी फेस आईडी के इस्तेमाल के लिए पेंशनभोगी के पास स्मार्ट फोन और इंटरनेट कनेक्शन के साथ ही पेंशन डिसबर्सिंग अथॉरिटी के पास रजिस्टर्ड आधार नंबर और पांच मेगापिक्सल या इससे ज्यादा रिज़ोल्यूशन वाला कैमरा होना चाहिए। तकनीक का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश सहित देश के सभी नागरिक कर सकते हैं। यह भी पढ़ें
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फेस आईडी इस्तेमाल करने के लिए – गूगल प्ले स्टोर से आधार फेस आईडी ऐप डाउनलोड करें। – इसके बाद जीवन https://jeewanpramaaan.gov.in/ की वेबसाइट पर उपयुक्त ऑथोराइडेशन उपलब्ध कराएं। – ऑथेंटिकेशन प्रोसेस को पूरा करने के बाद ऑपरेटर यानी कि पेंशनभोगी के चेहरे को स्कैन किया जाएगा। – डिवाइस अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट और पेंशनभोगी ऑथेंटिकेशन के लिए तैयार है। – इसके बाद पेंशनर्स की जानकारी भरनी होगी। – लाइफ सर्टिफिकेट के लिए पेंशनर्स का लाइव फोटो स्कैन किया जाएगा।