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ये वायदे कितने हुए पूरेआर्थिक स्तर पर कुछ वायदे ऐसे थे, जिसके बल पर लोगों ने आपार समर्थन दिया। खास तौर पर युवाओं में जो रोजगार का वायदा किया गया था, वह पूरा हुआ की नहीं। नहीं हुआ तो क्यों नहींं पूरा हुआ। किसान की हालत सुधरी की नहीं। अधिकतम मूल्य देने का वायदा हुआ था, जिसका क्रियान्वयन हुआ या नहीं, किसानों की हालत में कितना सुधार हुआ। सरकार ने कूटनीतिज्ञ के क्षेत्र में जिस तरह का आश्वासन दिया गया था पाकिस्तान चीन के साथ संबंध उसका क्या हुआ। क्या नयी नीति बन पायी है या वह सिर्फ जुमला था।
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क्या फिर धर्म के नाम पर मांगेगे वोट
उन्होंने कहा कि लोग जानना चाहते हैं कि पाकिस्तान के साथ नीति क्या है। मैं सहयोगी दल के रुप में भी इसे ढूंढ रहा हूं। कोई भी देश अमन, भाईचारा के बिना नहीं चलता। कुछ आवाज सुनने में आती है जो हिंसा व घृणा से समाज को बांटती है, क्या केन्द्र सरकार व पीएम सरकार ऐसे चीजों को रोकने के लिए कुछ कर सकती थी कि नहीं। परिवक्त लोकतंत्र में इन चीजों का मूल्यांकन हो। 2019 का चुनाव आ गया है। क्या हम फिर उसी घिसी पिटी चीजों पर वोट मांगेगे। हम धर्म के नाम पर वोट मांगेगे या कुछ नई चीजें सामने आएंगी। हम कुछ नया विजन लेकर जनता के बीच जाएंगे।