यह भी पढ़ें- इंतजार खत्म, यूपी में 16 अगस्त से विश्वविद्यालय और महाविद्यालय खुलेंगे, गाइडलाइन जारी उल्लेखनीय है कि मौजूदा व्यवस्था के तहत ग्रामीणों को अपना काम छोड़कर आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है। इससे जहां ग्रामीणों का समय बर्बाद होता है, वहीं उन्हें जल्दबाजी में दलालों को अधिक पैसा देकर अपने काम कराने पड़ते हैं। लेकिन, अब योगी सरकार प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में दो-दो जन सेवा केंद्र स्थापित कर ग्रामीणों की इस समस्या को दूर करने जा रही है। इन सेवा केंद्र पर ग्रामीण आसानी से प्रमाण पत्र बनवा सकेंगे और डिजिटल माध्यम से फीस भी जमा कर सकेंगे।
डिजिटल पेमेंट को मिलेगा बढ़ावा
बता दें कि 16 नवंबर 2020 में शुरू हुई सीएससी 3.0 योजना के तहत प्रदेश में अब तक 152830 जन सेवा केंद्र स्थापित हो चुके हैं। इन जन सेवा केंद्रों को भीम एप से भी जोड़ा गया है, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिल सके। यहां निवास, जाति और आय प्रमाण पत्र के लिए प्रति आवेदन 30 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। बताया जा रहा है कि इन जन सेवा केंद्रों के खुलने से आवेदन की संख्या भी बढ़ी है।
बता दें कि 16 नवंबर 2020 में शुरू हुई सीएससी 3.0 योजना के तहत प्रदेश में अब तक 152830 जन सेवा केंद्र स्थापित हो चुके हैं। इन जन सेवा केंद्रों को भीम एप से भी जोड़ा गया है, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिल सके। यहां निवास, जाति और आय प्रमाण पत्र के लिए प्रति आवेदन 30 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। बताया जा रहा है कि इन जन सेवा केंद्रों के खुलने से आवेदन की संख्या भी बढ़ी है।
36 विभागों की 267 शासकीय सेवाएं भी जोड़ी गईं इसके साथ ही ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल (E-District Portal) से जुड़े जन सेवा केंद्रों पर 59 हजार 639 लोग कोरोना वैक्सीन के लिए भी रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इसके साथ ही प्रदेश के 36 विभागों की 267 शासकीय सेवाओं को भी जन सुविधा केंद्रों के साथ इंटरनेट से जोड़ा गया है, साढ़े 24 करोड़ लोग अब तक लाभ उठा चुके हैं। इस तरह कह सकते हैं कि जन सेवा केंद्रों से ग्रामीण भी लाभांवित हो रहे हैं। वहीं, डिजिटल लॉकर योजना में अब तक प्रदेश भर में करीब 31 लाख डिजिटल लाॅकर खुल चुके हैं।