वकील गौरव दीक्षित ने दिया तर्क गौरव दीक्षित ने कहा, “इरफान के खिलाफ 26 नवंबर को FIR लिखी गई। जिसमें लिखा गया है कि 11 नंवबर को फर्जी आधार कार्ड पर इरफान ने हवाई यात्रा की है। 12 नवंबर को इरफान की फोटो वायरल हुई। जबकि आधार कार्ड की रिकवरी 8 दिसंबर को बताई है। इसको लेकर भ्रम पैदा किया जा रहा है।”
वकील ने कहा, “इरफान को फर्जी आधार बनवा के यात्रा करनी होती तो वह अपने भाई के साथ फोटो ली गई को क्रॉप करके क्यों लगाते? क्या उनके पास कोई अच्छी पासपोर्ट साइज की फोटो नहीं थी?”
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ईएमआई नंबर से लगाया जाएगा पता गौरव दीक्षित ने कहा, “अगले हफ्ते कोर्ट के माध्यम से गूगल और फेसबुक को नोटिस भेजा जाएगा। इनसे मांग की जाएगी की बताएं किस सिस्टम पर यह फोटो डाउनलोड की गई है। किन लोगों ने इरफान के प्रोफाइल को सर्च किया है। इसकी डिटेल आ जाएगी। इसके बाद सच्चाई सामने होगी। फिर ईएमआई नंबर के लैपटॉप से आधार कार्ड तैयार किया गया है। इसकी भी जानकारी जुटाई जा सकती है।”
इरफान सोलंकी के वकील ने कहा कि पुलिस फर्जी आधार कार्ड बनाने में मिली है। उन्होंने इसकी जांच की मांग की है। तब पता चलेगा कि फर्जी आधार कार्ड कौन बनाया है? इसके बाद उस पर कड़ी कारवाई की जानी चाहिए।