पदमश्री डॉ.रणधीर सूद ने बताया कि गुब्बारे की विधि 30 मिनट में पूरी हो जाती है। पेट में गुब्बारा डालने के बाद उसमें स्लाइन और पानी भर दिया जाता है, जो नुकसान भी नहीं करता है। इसमें मरीज को कम भूख लगती है और 6 महीने में वजन कम होने के बाद 1 साल में गुब्बारे को निकाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि एंडोस्कोपिक स्लीव गैस्ट्रोप्लास्टी भी लैप्रोस्कोपी से करने वाले आपरेशन की तरह कारगर है। यहीं नहीं, अब तो मोटापे को कम करने के लिए डूअडीनल और रीसफसिंज्ञग जैसी विधियां भी मोटापा कम करने के साथ ही डायबिटीज और फैटी लिवर में सुधार करती हैं।
यह भी पढ़े – मां के लिए तो नहीं लेकिन किसके लिए रो पड़े मुख्यमंत्री योगी, बोलने को नहीं मिले शब्द मोटे लोग अपनाएं यह फार्मूला मेदांता इंस्टीट्यूट आफ डायजेस्टिव के चेयरमैन डॉ.सूद ने कहा कि मोटापे से हर किसी को बचना है तो मुंह में लगाम लगानी है और पैरों पर जोर देना है यानी रोज 10 हजार कदम चलना है। डॉ.सूद ने कहा कि बीएमआई 25 से नीचे है तो आप मोटापे की जद में नहीं है। 25-29 मतलब ओवर वेट, 30-35 क्लास 1, 35-39 क्लास 2 और 39 से ऊपर क्लास थर्ड स्टेज का है। इसी आधार पर मोटापे का आकलन किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़े – अगर आपकी भी है शादी तो यहां करे आवेदन, सरकार दे रही 20 से 35 हजार की धनराशि सबसे अधिक महिलाएं मोटापे की शिकार उन्होंने कहा कि हाल ही में नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें कहा कि शहरी 46 तो 20 फीसदी ग्रामीण जनता मोटापे के रोग से ग्रस्त हो गई है। क्वालिटी लाइफ जीना है तो मोटापा करना होगा क्योंकि सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि मोटे लोग हार्ट, किडनी, जोड़ों के दर्द और नर्वस सिस्टम से बेहाल हो जाते हैं। मोटापा पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में सर्वाधिक पाया जाता है।