लखनऊ

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अनुयायियों ने लौटायी भगवान बुद्ध की अस्थियां

राजधानी की सरजमीं पर हुआ कार्यक्रम।
 

लखनऊMay 24, 2022 / 08:28 pm

Ritesh Singh

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अनुयायियों ने लौटायी भगवान बुद्ध की अस्थियां

दुनिया भर में भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करने वाली बैंकॉक की अंतर्राष्ट्रीय संस्था धम्मा स्टडी एंड सपोर्ट फाउंडेशन की प्रमुख सुजिन बोरिहानवनाखेट की अगुवायी में सत्तर विदेशी बौद्ध धर्म प्रचारकों के दल ने आज राजधानी में धार्मिक कार्यक्रम किया गया। लखनऊ के गोमतीनगर में धम्म फाउंडेशन इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सुजिन बोरिहानवनाखेट व डॉ.वीरा और उनूप ने संयुक्त रूप से बताया कि बुद्ध पूर्णिमा उत्सव के अवसर पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में धम्म फाउंडेशन इंडिया द्वारा को बुद्ध के अवशेष (अस्थियां) वापस किया। प्रसिद्ध थाई विपश्यना अभिधम्म शिक्षका सुजिन बोरिहानवनाकखेट ने कहा कि बौद्ध धर्म में दान को सबसे बड़े पारमिता में से एक माना जाता है।
बुद्ध के अवशेष (अस्थियां) वापस करने की घोषणा की पृष्ठभूमि में यह धम्म स्टडी एंड सपोर्ट फाउंडेशन बैंकॉक की फाउंडेशन कमेटी का एक समझौता था। जो भारत को अवशेष की वापसी को बौद्ध धर्म में नई प्रगति के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि ये अवशेष बैंकॉक फाउंडेशन द्वारा जैश्री विहारा गया से वापसी उपहार द्वारा अधिग्रहित किये गये थे। इस अवसर पर बैंकॉक स्थित धम्म स्टडी एंड सपोर्ट फाउंडेशन के बैंकॉक के कामकाजी सदस्यों सहित 70 व्यक्तियों के चालक दल का लखनऊ में ज़ोरदार स्वागत किया गया।

इस अवसर पर बैंकॉक स्थित फाउंडेशन ने पवित्र अवशेष का विस्तार किया।लोगों ने इतिहास की एक झलक लेने के लिए लंबी कतारों में एक-एक करके अपना सम्मान दिखाया।सार्वजनिक समारोह में उपरोक्त बैंकॉक स्थित फाउंडेशन की प्रमुख सुजिन के साथ-साथ उनके सहयोगियों ने अवशेष लौटने के कई कारणों की गणना की है, जिससे यह मिला कि भारत में वापसी मानवता के लिए अच्छा है क्योंकि भारत को इन ऐतिहासिक तथ्यों का सही धारक होना चाहिए।
धम्म फाउंडेशन इंडिया को अवशेष देने के इस अवसर पर अखिल सिंधु और आशा जी ट्रस्टी ने बैंकॉक स्थित धम्म स्टडी एंड सपोर्ट फाउंडेशन की प्रमुख सुजिन बोरिहानवनाखेट के प्रति हार्दिक सम्मान व्यक्त किया है और धार्मिक स्थल के निर्माण होने तक सुरक्षा के मद्देनजर सुजिन बोरिहर्नवनाकेट के साथ वापस बैंकाक के लिये दे दिया। सुजिन बोरिहर्नवनाकेट ने आगे कहा कि बौद्ध धर्म की स्थापना के लिए वर्तमान समय में दान का सबसे प्रासंगिक तर्कसंगत और तार्किक है क्योंकि यह अशोक का देश है।भारत में यहां के विशाख दिवस के इस अवसर पर बुद्ध को एक बार फिर मुस्कुराना चाहिए।

Hindi News / Lucknow / अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध अनुयायियों ने लौटायी भगवान बुद्ध की अस्थियां

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.