गामा(Gama Pahalwan) को लेकर तमाम किस्से कहानियां आपको पढ़ने में मिल जाएंगे। हम आपको गामा पहलवान की जयंती के मौके पर उनसे जुड़ी हुई कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। गामा को लेकर एक रोचक किस्सा यूपी के मथुरा से भी जुड़ा हुआ है। कई कहानियों में ये जिक्र किया गया है कि किसी से न हाने वाले पहलवान गामा को कलकत्ता जाकर मथुरा के चन्द्रसेन टिक्की वाले नाम से मशहूर पहलवान ने शिकस्त दी थी। हालांकि पत्रका इस कहानी की सत्याता को प्रमाणित नहीं करते है।
ये है गामा से जुड़ी बातें नाना ने सिखाएं के कुश्ती के दाव-पेंच गामा पहलवान(Gama Pahalwan) जब 6 वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। 6 वर्ष की उम्र में ही गामा पहलवान(Gama Pahalwan) की कुश्ती की ट्रेनिंग शुरू हो गई थी। पिता की मृत्यु के बाद गामा पहलवान(Gama Pahalwan) के नाना नून पहलवान ने उन्हें कुश्ती के दांव पेच सिखाएं व ट्रेनिंग दी। गामा को ट्रेन्ड करने में गामा(Gama Pahalwan) के मामा ईदा पहलवान की भी अहम भूमिका है।
10 वर्ष की उम्र में दुनिया की नजर में आएगा मां अट्ठारह सौ अट्ठासी में जोधपुर में सबसे ताकतवर आदमी की खोज के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें गामा(Gama Pahalwan) ने भी हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में 400 से अधिक पहलवानों ने हिस्सा लिया था, जिसमें गामा को 15वां स्थान मिला था। इतनी कम उम्र में इस कारनामे को करने के बाद गामा की चर्चाएं चारों तरफ होने लगी थी। जिसके बाद गामा(Gama Pahalwan) दतिया महाराज के दरबार में पहलवानी करने लगे।
लंदन ने रेसलर को दी चुनौती गामा ने सिर्फ देश ही नहीं पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन किया। गामा को लेकर कहा जाता है कि 1910 में गामा लंदन पहुंच गए और वहां पर गामा(Gama Pahalwan) ने किसी भी वेट कैटेगरी के तीन पहलवानों को एक साथ 30 मिनट के अंदर धूल चटाने की चेतावनी दे डाली। हालांकि, शुरुआत में गामा की चेतावनी को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया और कोई भी पहलवान गामा से लड़ने के लिए नहीं आया। गामा(Gama Pahalwan) को जब यह महसूस हुआ कि उनकी चुनौती को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है तो उन्होंने विश्व चैंपियन स्टेनिस्लाउज रोलर फ्रैंक वॉच को चुनौती दी। मुकाबले में गामा ने पहली बार में ही रोलर को 1 मिनट 40 सेकंड में मात दे दी। उसके बाद गामा ने कई पहलवानों को विदेशी सरजमीं पर चित किया। यहीं से गामा(Gama Pahalwan) की प्रसिद्धि पूरे विश्व में फैल गई। देश से लौटने के बाद गामा रुस्तम-ए-हिंद बन गए थे।
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UP Board Result 2022: यूपी बोर्ड रिजल्ट जारी करने के तरीके में बदलाव, बोर्ड बैठक में फैसला मथुरा के चंद्रसेन टिक्की वाले से गामा के हारने का किस्सा रुस्तम-ए –हिंद गामा दुनिया में कुस्ती के क्षेत्र में सबसे बड़ा नाम होने के बावजूद भी गामा(Gama Pahalwan) का एक किस्सा उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से जुड़ा हुआ है। लोक कहानियों में जिक्र आता है कि मथुरा के चंद्रसेन टिक्की वाले पहलवान ने गामा को कोलकाता में जाकर चुनौती दी और उसके बाद उन्हें परास्त भी किया। प्रसिद्ध उपन्यासकार अभिनंदन शर्मा ने अपने लेख में इस घटना का जिक्र करते हुए बताया है कि मथुरा के प्रसिद्ध पहलवान बलदेव पहलवान ने अपनी उम्र अधिक हो जाने के चलते गामा को हराने की जिम्मेदारी मथुरा के नौजवान पहलवान चंद्रसेन टिक्की वाले को दी। चन्द्रसेन ने कुश्ती लड़ने से मना कर दिया। जिसके बाद बलदेव ने कहा कि तुम्हारे लंगोट पर मैं 5000 रुपये लगाता हूं जिसके बाद चंद्रसेन गामा से टक्कर लेने के लिए कोलकाता पहुंच गए। चंद्र सेन ने जब गामा को चुनौती दी तो गामा के सहयोगियों ने चंद्रसेन से कुश्ती न लड़ने की बात कही। लेकिन चंद्रसेन पक्का इरादा करके गए थे। इसके बाद कोलकाता में अखाड़ा सजा और दोनों पहलवान आमने-सामने हुए। पहले ही दांव में गामा ने चंद्रसेन पहलवान का अंगूठा चीर दिया। अखाड़े में खून ही खून फैल गया। चंद्रसेन को समझ में नहीं आया कि ये क्या हो रहा है। कुश्ती दोबारा शुरू हुई और इस बार पहले ही दांव में चंद सेन ने गामा को पटखनी दे दी। (किस्सा अभिनंदन शर्मा द्वारा लिखा गया है जो इंटरनेट पर शास्त्र ज्ञान के नाम से पढ़ने को मिलता है पत्रिका द्वारा इससे की सत्यता प्रमाणित नहीं की जाती है)