ये भी पढ़ें- चुनाव आयोग के ऐलान के बाद यूपी की बाकी 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर आई बहुत बड़ी खबर होगी मॉनिटरिंग- एक सितम्बर से 30 सितम्बर तक चलने वाले इस खास अभियान के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। इसके अलावा शस्त्र लाईसेंस देने के नियमों, खरीदारों व उनके गलत इस्तेमाल करने वालों पर मानिटरिंग करने के लिए भी कहा गया है। योगी सरकार प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए इस ओर अपना कदम उठा रही है।
ये भी पढ़ें- उपचुनाव को लेकर अखिलेश का इस पार्टी से गठबंधन तय, इतनी सीटों पर होगी डील लाइसेंस को लेकर यूपी सरकार सख्त- यूपी सरकार शस्त्र लाइसेंस व उसके इस्तेमाल को लेकर इन दिनों बेहद सख्त तेवर अख्तियार कर रही है। बीते दिनों लाइसेंसी असलहों का जखीरा लेकर चल रहे बाहुबलियों व कुख्यात अपराधियों पर यूपी पुलिस ने नजर टेढ़ी कर दी। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह (UP DGP OP Singh) ने ऐसे कई बाहुबलियों के पास मौजूद शस्त्रों का ब्योरा जुटाने का निर्देश दिया है, जो आपराधिक गतिविधायों में भी लिप्त रहे हैं। उनके लाइसेंस निरस्त कराए जाएंगे। इस सूची में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (9 लाईसेंसी शस्त्र) व पूर्व सांसद अतीक अहमद (4 लाईसेंसी शस्त्र) जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा सुंदर भाटी, अमित भाटी, सुशील मूंछ समेत नौ अपराधी ऐसे है जिनके पास एक से अधिक लाइसेंसी शस्त्र हैं। यह भी यूपी पुलिस की हिट लिस्ट में शामिल है। इन सभी के शस्त्र लाइसेंस कैंसिल कराने की कसरत होगी।
फंसे मुख्तार के बेटे- इसी कवायद में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के के बेटे अब्बास अंसारी फंसते हुए नजर आ रहे हैं। यूपी एसटीएफ की एक गोपनीय जांच के मानें तो अब्बास ने एक शस्त्र लाइसेंस पर पांच असलहे खरीदने का गैरकानूनी काम किया है। यह बात सामने आने पर एसटीएफ (UP STF) ने लखनऊ पुलिस के जरिए अब्बास को नोटिस जारी किया है।