कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर प्रशासनिक एवं प्रबंधन की जिम्मेदारी होने के नाते बड़ी संख्या में डॉक्टर अस्पतालों में भर्ती किए जा रहे मरीजों का इलाज कर पाने में असमर्थ थे। इन्हीं डॉक्टरों को प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों से मुक्त करके चिकित्सीय कार्य में लगाया जाएगा। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम 9 ने बैठक कर इस बारे में निर्णय लिया। योगी सरकार का मानना है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पूरा करने में यह फैसला सहायक होगा।
450 से अधिक है डॉक्टर्स की संख्या प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों से मुक्त किए विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या 450 से अधिक मानी जा रही है। निदेशालय और अन्य सरकारी महकमों में तैनात इन डॉक्टरों को प्रशासनिक कार्यभार छोड़कर अब अस्पतालों में मरीजों का इलाज करना होगा।