जानकारी के अनुसार सुबह 4:31 बजे मालगाड़ी चौबेपुर स्टेशन यार्ड को पार कर रही थी, तभी तेज आवाज के साथ दो वैगन पटरी से उतर गए। ट्रेन का प्रेशर लो होते ही चालक ने ट्रेन खड़ी कर दी। कंट्रोल की सूचना पर कानपुर सेंट्रल से सुबह लगभग 5:10 बजे दुर्घटना राहतयान मौके पर रवाना किया गया। कन्नौज से भी राहत दल मौके पर पहुंचा। इंजन से सटा 12वां और 13वां डिब्बा बेपटरी होने के कारण आगे के 11 और पीछे के 27 डिब्बे अलग किए गए। पटरी से उतरे दोनों वैगनों को क्रेन से उठाकर किनारे कर दिया गया। शंटिंग करके आगे के डिब्बे चौबेपुर तो पीछे के मंधना लूपलाइन में लाकर खड़े किए गए। सुबह लगभग 8:24 बजे लाइन क्लीयर हुई।
यह भी पढ़े – सपा विधायकों के साथ नहीं बैठना चाहते शिवपाल यादव, स्पीकर से कही ये बात, इन सीटों में हुआ बदलाव वैगन में थी कमी दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में वैगन की खामी की बात सामने आई है। इसके साथ ही रेलवे ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी दो दिन बाद अपनी रिपोर्ट मंडलीय अफसरों को सौंपेगी। तीन से चार घंटे तक ट्रैक फंसा रहा।
फंसी रहीं ये ट्रेनें इसके बाद सबसे पहले बर्राजपुर में खड़ी मथुरा-छपरा एक्सप्रेस को चलाया गया। इस चक्कर में मथुरा-छपरा, अनवरगंज-फर्रुखाबाद पैसेंजर अप-डाउन, मालगाड़ी सहित आधा दर्जन ट्रेनें एक से तीन घंटे तक लेट हुईं। इस कारण चौबेपुर, मंधना, बर्राजपुर में खड़ी फर्रुखाबाद पैसेंजर और छपरा-मथुरा एक्सप्रेस ट्रेनों के यात्री मजबूरी में सड़क मार्ग से कानपुर आए।