लखनऊ

रेलवे में दिव्यांगों को मिलती हैं ये सुविधाएं, बढ़ी एक और सहूलियत

दिव्यांगों यानी विकलांगों के लिए रेल मंत्रालय ने कई सहूलियत दी हैं।

लखनऊOct 26, 2017 / 02:00 pm

Mahendra Pratap

लखनऊ. दिव्यांगों यानी विकलांग व्यक्तियों के लिए रेल मंत्रालय ने बड़ी सहूलियत दी है। अब उन्हें अपने प्रमाण पत्रों को बनवाने के लिए रेल मंडल के मुख्य कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। रेलवे में मिलने वाली सहूलियतें अब उन्हें अपने नजदीक के ही एरिया मैनेजर के कार्यालय से मिल जाएगी। मसलन, रेलवे में यात्रा संबंधी फोटो पहचान पत्र प्राप्त एरिया कार्यालय से ही मिल जाएगा। स्थानीय कार्यालय में आवेदन कीजिए और दो दिन में पहचान पत्र हासिल कर लीजिए।
ऐसे मिलेगा आइडेंटी कार्ड
गौरतलब है दिव्यांगों को रेलवे सफर में कई तरह की सहूलियतें देता है। लेकिन, दिव्यांगों की तरफ से शिकायतें आ रही थीं कि उन्हें फोटो पहचान पत्र हासिल करने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें लंबी दूरी तय करके सर्टिफिकेट हासिल करना पड़ता है। इसीलिए रेलवे ने अपने नए आदेश में दिव्यांगों को बड़ी राहत दी गयी है। इस आदेश के बाद दिव्यांग जनों को बार- बार मुख्य रेल मंडल के मुख्य कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगें।
परेशानी हो गयी दूर
अमूमन गाजियाबाद और तुगलकाबाद के दिव्यांंग निवासियों को भी दिल्ली मुख्य रेल मंडल पहुंचकर अपना पास बनवाना पड़ता था। लेकिन, अब रेलवे के एआरएम कार्यालय में इस सुविधा को मिलने से दिव्यांगों की परेशानी दूर हो गई है। इसी तरह वाराणसी के दिव्यांगजनों को लखनऊ मुख्य रेल मंडल जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे अपने पास के ही एरिया मैनेजर कार्यालय पहुंचकर फोटो पहचान पत्र बनवा सकते हैं।
यह होगी प्रक्रिया
रेलवे के आदेश में कहा गया है कि जहां कहीं भी एआरएम कार्यालय हैं वहां दिव्यांगों को फोटो पहचान पत्र जारी करने के लिए अनुरोध पत्र स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद एआरएम कार्यालय इस आवेदन को सत्यापन को लिए मुख्य रेल मंडल कार्यालय में भेजेगा। आवेदन के सत्यापन के बाद सीनियर डीसीएम के हस्ताक्षर वाला फोटो पहचान पत्र एआरएम कार्यालय भेज दिया जाएगा। इसके बाद एआरएम कार्यालय से दिव्यांगों को टेलीफोन कर कार्यालय बुलाया जाएगा। आदेश में यह दिव्यांग जनों को फोटो पहचान पत्र लेने के लिए खुद एआरएम कार्यालय जाने की भी आवश्यकता नहीं होगी। वे अपने प्रतिनिधि को भी भेजकर पहचान पत्र हासिल कर सकेंगे।
एसी थर्ड कोच में लोवर बर्थ
इसके पहले रेल मंत्रालय ने एक और सुविधा दी थी। जिसके तहत एक्सप्रेस और मेल ट्रेन के एसी थर्ड कोच में दिव्यांग जन को लोवर बर्थ आरक्षित होंगी। इसके पहले स्लीपर क्लास और जनरल डिब्बे में दिव्यांगों के लिए सीटें सुरक्षित रखी जाती थी। ऐसी थर्ड क्लास में दिव्यांगों को निचली सीटें मुहैया कराने के लिए सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव हो गया है।
दिव्यांग फ्रेंडली टायलेट
रेलवे नए डिब्बों में दिव्यांग फ्रेंडली टॉयलेट बना रही है। नए डिब्बों में एक दरवाजा ऐसा होगा जिससे व्हीलचेयर को अंदर ले जाया जा सके। साथ ही प्लेटफार्म पर ऐसे ऑटोमेटिक सिस्टम लगेगा जिससे दिव्यांग आसानी से ट्रेन पर चढ़ सके। दृष्टिहीनों के लिए सभी नए डिब्बों में ब्रेल लिपि में साइनेज लगाया जाएगा।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग में भी सुविधा
दिव्यांग जन के लिए अलग से आईटीआरसी के ऑनलाइन टिकिट बुकिंग सेवा में सीट की उपलब्धता की सुविधा दी गयी थी। जिसमें दिव्यांग जन अब अपनी और सहयात्री की टिकिट बुकिंग ऑनलाइन करा पा रहे हैं।
दिव्यांग को सहयोगी के साथ सफर अनिवार्य नहीं
ट्रेन में सफर करने वाले शारीरिक और मानसिक दिव्यांगों के लिए किसी साथी के साथ यात्रा करना अनिवार्य नहीं रह गया है। दिव्यांग यात्री अकेले ही रेल में सफर करना चाहें तो उन्हें रेलवे रियायती दर पर टिकट उपलब्ध कराएगा। अब तक नियम यह था कि शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग यात्रियों को तभी रियायती दर पर टिकट उपलब्ध कराया जाता था, जबकि विकलांग यात्री के साथ कोई उसके साथ कोई और व्यक्ति न हो। हालांकि, विकलांग के साथ सहयोगी को भी रियायती टिकट मिलता था।

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