scriptसूनी पगडंडियों में संघर्षों से मिला देश को सोना, गोविंद ने इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड | Indian Player Govind Win Gold Medal in Thailand Boxing Championship | Patrika News
लखनऊ

सूनी पगडंडियों में संघर्षों से मिला देश को सोना, गोविंद ने इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

Boxing Championship Gold Medal: भारत के लिए गर्व का मौका है कि थाइलैंड में हो रही ओपन इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में खिलाड़ी गोविंद ने गोल्ड जीता। गोविंद ने न तो नेशनस या इंटरनेशनल से ट्रेनिंग लेकर बॉक्सिंग में नहीं उतरे। बल्कि लखनऊ की सूनी सड़कों पर अभ्यास कर देश को गोल्ड दिलाया।
 
 

लखनऊApr 10, 2022 / 11:12 pm

Snigdha Singh

Indian Player Govind Win Gold Medal in Thailand Boxing Championship

Indian Player Govind Win Gold Medal in Thailand Boxing Championship

कोरोना संक्रमण एक तरफ जहां लोगों के लिए परेशानी लेकर आया तो कुछ के लिए इसने अवसर का भी काम किया। इस दौरान जब लाकडाउन की वजह से लोग घरों में थे तब गोविंद खाली सड़क पर संघर्ष की कहानी बुन रहा था। ऐसी ही कई सड़क और खाली प्लाटों में ट्रेनिंग कर गोविंद साहनी मुक्केबाजी में पहले राष्ट्रीय और अब अंतरराष्ट्रीय चैंपियन बन गए। गोविंद ने थाइलैंड में हो रही ओपन इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप के 48 किग्रा भार वर्ग में वियतनाम, कजाकिस्तान और मेजबान थाइलैंड के खिलाड़ी को 5-0 से रौंदते हुए देश को सोना दिलाया।
इस चैंपियनशिप में 55 देशों के मुक्केबाज प्रतिभाग कर रहे हैं। संघर्ष के दिनों के साथी खिलाड़ी विजय प्रताप सिंह बताते हैं कि गोविंद ने अक्टूबर 2021 में सर्बिया में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, पर कोई पदक हाथ नहीं लगा। उसके बाद ही गोविंद ने प्रण कर लिया था कि देश के लिए खेलने का जब भी मौका मिलेगा, हम जरूर जीतेंगे। तभी से उसने अभ्यास का समय बढ़ा दिया। इस बार देश के लिए मौका मिला और गोविंद ने बाजी मार ली। गोविंद के इस प्रदर्शन से उनके साथी मुक्केबाजों ने सरोजनीनगर स्थित मैदान पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया। गोविंद इससे पहले कनार्टक में पुरुष एलीट राष्ट्रीय बाक्सिंग चैंपियनशिप में गोविंद ने 46-48 किलोग्राम भार वर्ग में चंडीगढ़ के मुक्केबाज को एकतरफा मुकाबले में 5-0 गोल से हराकर स्वर्ण पदक जीता था।
यह भी पढ़े – शस्त्रों के हैं शौकीन तो माउजर, पिस्टल और रिवॉल्वर में जान लीजिए क्या है फर्क

एशियन गेम्स में पदक जीतना लक्ष्य

गोविंद ने बताया कि हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह देश के लिए खेले। मुझे मौका मिला और मैंने पूरी शिद्दत से तैयारी की और मेहनत रंग लाई। उन्होंने कहा कि अब उनका लक्ष्य सितंबर में चीन में होने वाले एशियन गेम्स में पदक जीतना है। इसके लिए पूरी ताकत झोंक दूंगा।
लखनऊ में अभ्यास कर पाया मुकाम

गोविंद साहनी मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं। पिता संतलाल साहनी कृषक हैं और मां गायत्री गृहणी हैं। चार भाइयों में तीसरे नंबर के गोविंद साहनी लखनऊ के साई सेंटर में ट्रेनिंग करते थे। इनके बड़े भाई सुनील साहनी कोचिंग पढ़ाकर गोविंद की ट्रेनिंग के लिए पैसे भेजते थे। हालांकि रेलवे में गोविंद की नौकरी लगते ही कुछ हालात बदले। गोविंद लखनऊ में तैनात हैं। पिछले 7-8 सालों से मुक्केबाजी कर रहे गोविंद अपने भार वर्ग में इससे पूर्व भी राष्ट्रीय स्तर के कई पदक जीत चुके हैं।
यह भी पढ़े – फफककर महिलाएं बोलीं-खुलासा तो हो गया, हमारे पुश्तैनी जेवर कहां हैं, बुल्डोजर कार्रवाई की मांग

कोरोना में सूनी सड़कों में किया अभ्यास

साई सेंटर में रूममेट रहे मुक्केबाज विजय बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से सभी खेल गतिविधियां बंद हो गई थीं। हम लोग साई सेंटर में अभ्यास करते थे, पर साई सेंटर भी बंद हो गया था। इसके बावजूद गोविंद ने हिम्मत नहीं हारी। हम लोगों के साथ वह बिजनौर रोड, मुल्लाई खेड़ा, सरोजनीनगर की सड़कों पर फिटनेस वर्क करते रहे। कोई खाली प्लाट या स्कूल का मैदान दिखा तो वहां ट्रेनिंग करने लगे। पेड़ में पचिंग बैग टांगकर पंच जड़ने लगते थे। इसके बाद कुछ दिन घर पर रहकर ट्रेनिंग की। राजधानी में बाक्सिंग रिंग की उपलब्धता न होने के कारण उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए गुड़गांव में रहकर एक माह ट्रेनिंग की।

Hindi News / Lucknow / सूनी पगडंडियों में संघर्षों से मिला देश को सोना, गोविंद ने इंटरनेशनल बाक्सिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड

ट्रेंडिंग वीडियो