गन मशीन शॉप तो पिछले वर्ष में कुल 18 सारंग तोप अपग्रेड किया है। रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर जीसीएफ को अभी कुल 8 तोप (130एमएम सारंग) सौंपी गईं हैं। इस निर्माणी के फील्ड गन शॉप नं.1 व 2 और गन मशीन शॉप में 3 पुरानी सारंग तोप खोलकर काम किया जा रहा है। इसी बीच निर्माणी प्रशासन ने आयुध निर्माणी कानपुर को सारंग तोप अपग्रेड करने 155एमएम बैरल व अन्य हिस्से भेजे जा रहे। यह तोप इजरायल की सोल्टम आर्टिलरी गन का अपग्रेड वर्जन है। इसे मेक इन इंडिया के तहत देश में बनी पूर्णत: स्वदेशी तोप है। बेशुमार ताकत वाली यह तोप किसी भी रीजन में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में माहिर है।
यह भी पढ़े – बिना आपके फिंगर प्रिंट के नहीं चलेगी ये रिवाल्वर, महिलाओं के लिए खास, जानिए क्या है कीमत अपग्रेड हुई सारंग आयुध निर्माणी फैक्ट्री के कार्य प्रबंधक अमित यादव बताते हैं कि सारंग तोप को और अत्याधुनिक तरीके से अपग्रेड किया गया है, व्हीकल फैक्ट्री के महाप्रबंधक की मानें तो पहले जहां सारंग तोप 130 कैलिबर की थी, वहीं उसकी ताकत बढ़ाते हुए अब 155 कैलिबर कर दिया गया है, जिससे इसकी मारक क्षमता पहले की अपेक्षा कई गुना बढ़ गई है
जबलपुर फैक्ट्री में तैयार हुईं सारंग व्हीकल फैक्ट्री में सारंग तो गन कैरिज में बनती है। जबलपुर व्हीकल फैक्ट्री में बड़ी संख्या में सारंग तोप बनाकर बोफोर्स की उपलब्ध कराया। सारंग तोप देश की सबसे शक्तिशाली तोपों में से एक है। जिसकी मारक क्षमता बहुत अधिक है। इसके साथ ही अन्य तकनीकों को भी अपग्रेड किया जा रहा है।
यह भी पढ़े – पिस्टल और रिवॉल्वर नहीं होते एक, जानिए क्या है अंतर बोफोर्स से ज्यादा ताकतवर है सारंग जबलपुर में सारंग तोप का सफल परीक्षण हुआ हो चुका है। ये तोप धनुष और बोफोर्स से ज्यादा घातक बताई जा रही है। इस तोप को अपग्रेड करने के बाद टेस्ट किया गया है। सारंग तोप रशिया की सोल्टन गन का अपग्रेड वर्जन है। जिसकी रेंज बढ़ाई गई है। पहले से मौजूद बोफोर्स और धनुष गन के बाद सारंग की दहाड़ भी सरहदों पर गूंजने के लिए तैयार है।