ये भी पढ़ें: UP: 10वीं पास युवाओं के लिए पंचायत सहायक विभाग ने की नौकरी का बारिश, जल्दी करें अप्लाई लंदन से मंगवाई गई थी सुईयां वहीं इसकी खूबसूरती की बात करे तो वर्तमान में इसकी नक्काशी देखने से यह साफ हो जाएगा की इसका निर्माण लंदन के बिग बेन की तर्ज पर ही किया गया हैं। इसकी गवाही इतिहास भी रही है। इसका पेंडुलम 14 फीट लंबा, डेढ़ इंच मोटा है। कहा जाता है की इसकी सुईयों को लंदन से मंगवाया गया था। इसकी सबसे बड़ी सुई 6 फीट लंबी और छोटी सुई साढ़े चार फीट की है। इस घंटाघर में एक हाल और एक कमरा भी बना हुआ है। इतना ही नहीं जिस स्थान पर घड़ी लगी है, वहां तक जाने के लिए अंदर सीढ़ियां भी बनी हुई हैं।
ये भी पढ़ें: UPSC Result : किसान के बेटे ने पा ली मंजिल, अपनी मेहनत और जज्बे से हासिल की 413 रैंक शहर की खूबसूरती का केंद्र इस घंटाघर की मुख्य खास बात यह है कि घंटाघर की घड़ी में हर हफ्ते चाबी भरने के लिए दो लोग ऊपर जाते है, और फिर अपना काम करके उतार आते है। वहीं घंटाघर में एक पेंडुलम भी लगा हुआ था। जिसे अब उतार दिया गया है। लेकिन इसके बाद भी यह शहर की खूबसूरती का केंद्र बना हु़आ है। तब से लेकर आज भी यंहा कई दर्जन लोग रोज इसकी खूबसूरती देखने आते है और अपने कमरे में यहां की यादों को संजोते हैं।