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लखनऊ

उत्तराखंड में यूपी-बिहार वालों को बांट दिया योजना का ऋण, बैंकों के करोड़ों रुपये डूबे

Uttarakhand News:उत्तराखंड में स्थानीय लोगों के स्वरोजगार के लिए चलाई गई ई-रिक्शा ऋण योजना में सहकारी बैंकों के करोड़ों रुपये डूब गए हैं। ये ऋण बिना सिक्योरिटी और दस्तावेजों के बगैर बांटा गया था। आधार और वोटर कार्ड पर यूपी, बिहार और हरियाणा के लोग राज्य सरकार की योजना का 20 करोड़ रुपये लोन लेकर खिसक गए हैं।

लखनऊNov 12, 2024 / 08:41 am

Naveen Bhatt

Loans worth crores of cooperative banks have gone bankrupt in Uttarakhand

उत्तराखंड में सहकारी बैंकों का करोड़ों का लोन डूब गया है

Uttarakhand News:सरकारी बैंकों का करीब 20 करोड़ रुपये का कर्ज डूब गया है। दरअसल, उत्तराखंड में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ई-रिक्शा योजना चलाई थी। इसके लिए सहकारी बैंकों ने बिना गारंटर और बगैर दस्तावेजों के ही 20 करोड़ रुपये से अधिक का लोन बांटा था। बैंकों ने ई-रिक्शा खरीदने के लिए डेढ़ लाख रुपये तक का लोन दिया। अर्सा बीत जाने के बाद भी अधिकांश लोगों ने बैंकों का ऋण नहीं चुकाया है। बताया जा रहा है कि ऋण आवंटन में भी गड़बड़झाला हुआ था। राज्य सहकारी बैंक के एमडी ने कुछ शाखाओं की जांच की तो तिलक रोड ब्रांच में सबसे अधिक गड़बड़ियां मिलीं। न सिर्फ लोन बांटने की प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई, बल्कि बांटे गए ऋण की वसूली में भी लापरवाही बरती गई है। एमडी नीरज बेलवाल के मुताबिक बैंकों को पूरा ऋण वसूल किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। ई-रिक्शा मद में एनपीए को पूरी तरह खत्म करने को कहा गया है।

आधार कार्ड पर बांट दिया करोड़ों का लोन

सहकारी बैंकों में ई-रिक्शा लोन को लेकर तमाम अनियमितताएं सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि अफसरों ने लोन आवंटन की शर्तों को बदल कर यूपी, बिहार, झारखंड, हरियाणा के लोगों को ई-रिक्शा लोन बांट दिया था। ऋण बांटते समय आवेदकों के स्थायी निवास प्रमाण पत्र देखे जाने थे। बैंकों ने स्थायी निवास की बजाय सीधे आधार कार्ड, वोटर कार्ड के आधार पर ही ऋण बांट दिए। ई-रिक्शा ऋण आवंटन में गड़बड़ी का खुलासा सहकारी बैंक के निवर्तमान निदेशक मनोज पटवाल ने ही किया था।

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