लखनऊ

लुढ़का पारा, बढ़ी ठंड, लेकिन पिछली बार से कम पड़ेगी इस बार सर्दी, 15 दिसंबर के बाद ऐसा होगा मौसम का हाल

नवंबर माह में जहां तापमान 11 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, तो वहीं दिसंबर में पारा लुढ़कर 9 डिग्री तक पहुंच गया है

लखनऊDec 04, 2019 / 01:06 pm

Karishma Lalwani

लुढ़का पारा, बढ़ी ठंड, लेकिन पिछली बार से कम पड़ेगी इस बार सर्दी

लखनऊ. दिसंबर आते ही सर्दी ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। पछुआ हवा के झोकों से ठंड बढ़ गई है। नवंबर माह में जहां तापमान 11 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, तो वहीं दिसंबर में पारा लुढ़कर 9 डिग्री तक पहुंच गया है। सोमवार रात से ही लखनऊ में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। इसके बाद मंगलवार का न्यूनतम तापमान 9 डिग्री तक पहुंच गया। इस तरह यह सीजन की सबसे सर्द रात रही। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार, पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ रही है। 15 दिसंबर के बाद ठंड और बढ़ सकती है लेकिन उससे पहले इस बीच तापमान में उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा। शुक्रवार से पारा बढ़कर 11 डिग्री तक पहुंच सकता है।
शुष्क रहेगा मौसम, बारिश के नहीं आसार

जेपी गुप्ता ने कहा कि उत्तर पश्चिम और उत्तर भारत में मौसम शुष्क रहेगा। इस बीच बारिश के आसार नहीं हैं। सुबह और शाम कोहरा छाया रहेगा लेकिन दिन में धूप खिली रहेगी जिससे कि ठंड का असर कम हो जाएगा। लेकिन इस माह पिछले साल की तुलना में कम ठंड पड़ेगी। पिछले साल दिसंबर माह का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
24 घंटे में शहर के तापमान का हाल
तारीख अधिकतम न्यूनतम

01 दिसंबर 25.5 13.1

02 दिसंबर 24.4 13.5

03 दिसंबर 23.6 10

04 दिसंबर 24 09

पिछले दो सालों का रिकार्ड
2017 में राजधानी लखनऊ का दिसंबर माह में सबसे न्यूनतम पारा 5 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। वहीं 2018 में शहर का न्यूनतम तापमान दिसंबर माह में 5.9 डिग्री सेल्सियस रहा।

इन इलाकों में चलेगी शीतलहर
आईएमडी के मुताबिक दिसम्बर से फरवरी के बीच पंजाब, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, चंड़ीगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, तेलंगाना, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मराठवाड़ा, विदर्भ और महाराष्ट्र में शीत लहर दर्ज की जाएगी।
कोहरे का असर प्रदूषण पर

बुधवार को राजधानी लखनऊ का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 347 रहा। हालांकि, शहर की आबोहवा में पिछले महीने की तुलना में सुधार हुआ है लेकिन गिरते तापमान का असर अब भी प्रदूषण पर देखने को मिल रहा है। कोहरा हर साल रहता है पर सचेत रहने वाली यह कि इस बार लुढकते पारे के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। प्रदूषण, कोहरे को घना कर दृश्यता को कम कर देता है। ज्यादा घना कोहरा होने से वाहन चलाने में लोगों को परेशानी हो सकती है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में कोहरे का स्तर इतना बढ़ गया है कि दिन में भी लोग लाइट जलाकर वाहन चलाते हैं। बढ़ते कोहरे से वाहन संबंधी दुर्घटना की आशंका अधिक रहती है।
जनवरी में पड़ेगा अधिक कोहरा

मौसम वैज्ञानियों ने जनवरी में अधिक कोहरा पड़ने की संभावना जतायी है। नवंबर, दिसंबर व जनवरी में करीब 40 दिनों तक कोहरा रहने का पूर्वानुमान है। इसमें सबसे अधिक परेशानी जनवरी में होगी, जहां 19 दिनों तक कोहरा छाया रहेगा।
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