श्रीकांत शर्मा ने बताया कि शहर में बिजली कनेक्शन के आवेदन के सात दिन के अंदर और गांव में दस दिन के अंदर बिजली कनेक्शन देने के आदेश हैं. अगर कोई कर्मचारी और अधिकारी इस का उल्लंघन करता पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी।
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के 20 करोड़ से ज्यादा लोग दो तरह का जीवन जीते हैं. इनमें करीब 95 फ़ीसदी आबादी ऐसी है जो बिजली के अभाव में जिंदगी बिता रही है. देश के कई हिस्सों में 20 से 24 घंटे की बिजली आपूर्ति की बातें उनके लिए एक सपने की तरह है. बिजली कनेक्शन मिलना ही बहुत मुश्किल हो रहा है.
श्रीकांत शर्मा ने बताया कि ट्रांसफार्मर में बार-बार खराबी की शिकायतों को दूर करने और निगरानी के लिए बिजली विभाग के वर्कशॉप और स्टोर में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। फीडर तक रोस्टर के अनुसार बिजली पहुंच रही है। लेकिन विरासत में मिली जर्जर तारों और व्यवस्था के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है।मारे लिए उपभोक्ता सर्वोपरि हैं,उनसे अवैध वसूली या गलत व्यवहार की शिकायतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शिकायत पर कड़ी कार्रवाई होगी।