राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत प्रदेश को दो लाख नए एसएचजी गठित करने का लक्ष्य दिया गया है। इस समूह में 11 महिलाओं को सदस्य नियुक्त किया जाता है। समूह की महिलाओं को कोटे की दुकान पानी बिजली के बिल जमा करने आंगनबाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार वितरण सोलर पैनल बनाने नर्सरी पशुपालन सिलाई मांस और सैनिटाइजर उत्पादन डेयरी उद्योग सहित अन्य कार्यों को लिए आर्थिक सहयोग देकर स्वरोजगार से जोड़ा जाता है।
प्रदेश को बीते वित्तीय वर्ष में भी दो लाख समूह गठित करने का लक्ष्य मिला था इसमें से 1.47 लाख समूह गठित कर करीब 1600000 से अधिक महिलाओं को विभिन्न स्वरोजगार से जोड़ा गया। प्रदेश में अब तक 5.92 लाख समूहों का गठन कर करीब सात लाख से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार दिया गया है। इससे समूह की प्रत्येक महिला की हर महीने 6 से 10000 की आमदनी होती है।
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स्वयं सहायता समूह में सरकार की ओर से समूह बनाने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है। जिसकी मदद से वह रोजगार शुरु करती हैं रोजगार के अनुसार सरकार समूह को काम भी उपलब्ध कराती है। काम के बदले अर्जित होने वाली आय को समूह की महिलाएं आपस में बांट कर अपनी आय अर्जित करती हैं। अब जब उत्तर प्रदेश में 200000 नए समूह बनाने का लक्ष्य रखा गया है ऐसे में जो लोग समूह के साथ जुड़ कर आय अर्जित करना चाहते हैं उनके लिए सुनहरा मौका है। ऐसे में अपने ब्लॉक पर जाकर समूह बनाने की प्रक्रिया का पालन पर समूह बनाया जा सकता है और सरकार से आर्थिक सहायता लेकर रोजगार शुरू किया जा सकता है।
स्वयं सहायता समूह में सरकार की ओर से समूह बनाने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है। जिसकी मदद से वह रोजगार शुरु करती हैं रोजगार के अनुसार सरकार समूह को काम भी उपलब्ध कराती है। काम के बदले अर्जित होने वाली आय को समूह की महिलाएं आपस में बांट कर अपनी आय अर्जित करती हैं। अब जब उत्तर प्रदेश में 200000 नए समूह बनाने का लक्ष्य रखा गया है ऐसे में जो लोग समूह के साथ जुड़ कर आय अर्जित करना चाहते हैं उनके लिए सुनहरा मौका है। ऐसे में अपने ब्लॉक पर जाकर समूह बनाने की प्रक्रिया का पालन पर समूह बनाया जा सकता है और सरकार से आर्थिक सहायता लेकर रोजगार शुरू किया जा सकता है।