लखनऊ

Yogi Government: यूपी के हर जिले में  बनेंगे हॉर्टिकल्चर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, किसानों को होगा फायदा 

Yogi Government: योगी सरकार की पहल से किसानों की आय में वृद्धि, बागवानी और सब्जी की खेती को मिलेगा बढ़ावा।

लखनऊJul 19, 2024 / 04:35 pm

Ritesh Singh

Centre of Excellence in Horticulture

 Yogi Government: किसानों की खुशहाली शुरू से ही योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। इस खुशहाली का मूलमंत्र है किसानों की आय में वृद्धि, जो कृषि विविधीकरण से ही संभव है। इसमें परंपरागत खेती के साथ बागवानी और सब्जी की खेती की सबसे अहम भूमिका है। 9 एग्रो क्लाइमेटिक जोन के कारण उत्तर प्रदेश में इसकी भरपूर संभावना भी है। योगी सरकार इन संभावनाओं को परवान चढ़ाने की हर संभव कोशिश भी कर रही है।
यह भी पढ़ें

August Bank Holidays: अगस्त महीने में 9 दिन बंद रहेंगे बैंक, निपटा लें अपने अधूरे काम

चारों कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना

इसी क्रम में चंद रोज पहले राज्य मंडी परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बागवानी फसलों के गुणवत्ता पूर्ण रोपण के लिए प्रदेश के चारों कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालयों में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए। इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी। इसी प्रकार, रायबरेली में एक उद्यान महाविद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए।

उद्यान महाविद्यालय के लिए जमीन चिन्हित: उद्यान मंत्री

विभागीय मंत्री दिनेश सिंह ने बताया कि उद्यान महाविद्यालय के लिए रायबरेली के हरचरनपुर के पडेरा गांव में जमीन चिन्हित की जा चुकी है। कृषि विभाग इसे उद्यान विभाग को ट्रांसफर भी कर चुका है। पहले चरण के काम के लिए पैसा भी रिलीज किया जा चुका है। इसमें डिग्री कोर्स के साथ अल्पकालीन प्रशिक्षण के कोर्स भी चलेंगे। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार के लगातार प्रयासों के नाते यहां के किसानों के लिए फलों एवं सब्जियों की खेती संभावनाओं की खेती बन रही है। सरकार की इस नई पहल से इस क्षेत्र की संभावनाएं और परवान चढ़ेंगी।
यह भी पढ़ें

Heavy Rain: UP के 40 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात का Alert, लखनऊ में अगले 3 दिन झमाझम बारिश

 

फलों और सब्जियों की खेती का रकबा बढ़ा

2023 की कृषि वानिकी रिपोर्ट के अनुसार फलों एवं सब्जियों की खेती में एक दशक में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 7.2 फीसद से बढ़कर 9.2 हो गई। इसी क्रम में इनसे प्राप्त ग्रास वैल्यू आउटपुट (जीवीओ) 20.6 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 38 हजार करोड़ रुपये हो गया। दरअसल, इसमें योगी सरकार द्वारा कृषि विविधीकरण एवं बाजार की मांग के अनुरूप खेती करने की अपील, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एवं मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में गुणवत्तापूर्ण पौधों का उत्पादन कर किसानों को न्यूनतम रेट में देना, संरक्षित तापमान एवं नमी नियंत्रित कर संरक्षित खेती को बढ़ावा एवं मंडियों के आधुनिकरण आदि का महत्वपूर्ण योगदान है।

हर जिले में बनेंगे हॉर्टिकल्चर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

फल एवं सब्जियों (शाकभाजी) की खेती और इनका प्रसंस्करण व्यापक संभावनाओं का क्षेत्र है। इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर योगी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही लगातार इनकी खेती को हर संभव प्रोत्साहन दे रही है। करीब दो साल पहले लगातार दूसरी बार योगी बनने के बाद ही अगले 5 साल के लिए इनकी खेती के क्षेत्रफल में विस्तार, उपज में वृद्धि और प्रसंस्करण के बाबत महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी विभाग के सामने रख दिया गया था। उसी के अनुरूप काम भी हो रहा है।
यह भी पढ़ें

 CM योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला अनिरुद्ध पांडेय गिरफ्तार

2027 तक बागवानी फसलों का रकबा 16% करने का लक्ष्य

लक्ष्य के मुताबिक 2027 तक बागवानी फसलों का क्षेत्रफल 11.6 फीसद से बढ़ाकर 16 फीसद तथा खाद्य प्रसंस्करण 6 फीसद से बढ़ाकर 20 फीसद किया जाना है। इसके लिए लगने वाली प्रसंस्करण इकाइयों के लिए बड़े पैमाने पर कच्चे माल के रूप में फलों एवं सब्जियों की जरूरत होगी।

2027 तक हर जिले में होगी हॉर्टिकल्चर की बुनियादी संरचना

हॉर्टिकल्चर में तय लक्ष्य प्राप्त करने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका गुणवत्तापूर्ण प्लांटिंग मैटिरियल (पौध एवं बीज) की है। इसके लिए सरकार तय समयावधि में हर जिले में एक्सीलेंस सेंटर, मिनी एक्सीलेंस सेंटर या हाईटेक नर्सरी की स्थापना करेगी। इस बाबत काम भी जारी है। 2027 तक इस तरह की बुनियादी संरचना हर जिले में होगी। ऐसी सरकार की मंशा है।
यह भी पढ़ें

Hathras Accident: हाथरस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को एक-एक लाख की मदद देंगे अखिलेश यादव 

सरकार के प्रोत्साहन से बागवानी के रकबे और उपज में वृद्धि

सरकार से मिले प्रोत्साहन एवं इन्हीं संभावनाओं के चलते पिछले 7 वर्षों में किसानों को प्रोत्साहित कर फलों एवं सब्जियों की खेती के रकबे में 1.01 लाख हेक्टेयर से अधिक और उपज में 0.7 फीसद से अधिक की वृद्धि की गई। किसानों को गुणवत्ता पूर्ण पौध मिलें, इसके लिए फलों एवं सब्जियों के लिए क्रमशः बस्ती एवं कन्नौज में इंडो इजराइल सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना हुई।

बेमौसम सब्जियां उगाने के लिए संरक्षित खेती को भी बढ़ावा दे रही सरकार

नमी और तापमान नियंत्रित कर बेमौसम गुणवत्तापूर्ण पौध और सब्जियां उगाने के लिए इंडो इजराइल तकनीक पर ही संरक्षित खेती को बढ़ावा देने का काम भी लगातार जारी है।
यह भी पढ़ें

Sawan Mela 2024 : 15 करोड़ की लागत से गोला गोकर्णनाथ शिव मंदिर में लाइट एण्ड साउंड शो: ऐतिहासिक पहल 

कृषि वैज्ञानिकों की राय

“उत्तर प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने का सबसे प्रभावी जरिया फलों, सब्जियों और मसालों की ही खेती है। 9 तरह का कृषि जलवायु क्षेत्र होने के नाते अलग-अलग क्षेत्रों में हर तरह के फल, सब्जियों और फूलों की खेती संभव है। इसमें लघु-सीमांत किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इनकी संख्या कुल किसानों की संख्या में करीब 90 फीसद है। अमूमन ये धान, गेहूं, गन्ने आदि की परंपरागत खेती ही करते हैं। अगर सरकार की मंशा के अनुसार इनकी आय बढ़ानी है तो इनको फलों, सब्जियों एवं फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना होगा।”
डॉ. एसपी सिंह, सब्जी वैज्ञानिक

यह भी पढ़ें

Deputy CM Action: औचक निरीक्षण के लिए बछरावां सीएचसी पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, गंदगी देखकर भड़के

संबंधित विषय:

Hindi News / Lucknow / Yogi Government: यूपी के हर जिले में  बनेंगे हॉर्टिकल्चर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, किसानों को होगा फायदा 

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.