केडी सिंह ने 16 वर्षों तक हॉकी में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। इतना ही नहीं वह भारतीय टीम के कप्तान भी बने। 1948 में लंदन ओलिम्पिक में भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान थे। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। 1949 वह भारतीय टीम के कप्तान बने। इस वर्ष ‘बाबू’ ने रिकॉर्ड गोल किये। 1949 में कुल 236 गोल हुए, जिनमें से अकेले केडी सिंह ने 99 गोल किये जो किसी भी टीम के खिलाड़ी के द्वारा किये अधिकतम गोल थे। 1952 के हेलसिंकी ओलिम्पिक में वह भारतीय टीम के कप्तान थे। इस टूर्नामेंट उनके बेहतर खेल की सभी ने खुलकर तारीफ की।
केडी सिंह बाबू के बारे में खास बातें
– वर्ष 1946-47 में केडी सिंह भारतीय हॉकी टीम में चुने गये
– 1948 में हुए लंदन ओलिम्पिक में वह भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान थे
– 1949 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान बनाय गये
– 1952 में हुए हेलसिंकी ओलिम्पिक में भारतीय टीम ने उनकी कप्तानी में खेला
– 1972 के म्युनिख ओलिम्पिक में केडी सिंह भारतीय हॉकी टीम के कोच थे
– केडी सिंह बाबू को 1952 में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हॉकी प्लेयर चुना गया
– 1953 में केडी सिंह बाबू को एशिया का बेस्ट स्पोर्ट्समैन चुना गया
– 1953 में उन्हें Helms Trophy से सम्मानित किया गया, जो पहली बार किसी भारतीय को मिली थी
– लखनऊ और बाराबंकी में केडी सिंह बाबू के नाम पर स्टेडियम है
– केडी सिंह का पूरा नाम कुंवर दिग्विजय सिंह है
– वर्ष 1946-47 में केडी सिंह भारतीय हॉकी टीम में चुने गये
– 1948 में हुए लंदन ओलिम्पिक में वह भारतीय हॉकी टीम के उपकप्तान थे
– 1949 में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान बनाय गये
– 1952 में हुए हेलसिंकी ओलिम्पिक में भारतीय टीम ने उनकी कप्तानी में खेला
– 1972 के म्युनिख ओलिम्पिक में केडी सिंह भारतीय हॉकी टीम के कोच थे
– केडी सिंह बाबू को 1952 में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हॉकी प्लेयर चुना गया
– 1953 में केडी सिंह बाबू को एशिया का बेस्ट स्पोर्ट्समैन चुना गया
– 1953 में उन्हें Helms Trophy से सम्मानित किया गया, जो पहली बार किसी भारतीय को मिली थी
– लखनऊ और बाराबंकी में केडी सिंह बाबू के नाम पर स्टेडियम है
– केडी सिंह का पूरा नाम कुंवर दिग्विजय सिंह है