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क्या कहते हैं इतिहासकार
इतिहासकार अब्दुल हलीम ने अपनी किताब पुराना लखनऊ में लिखा है कि कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता कि शहर की स्थापना किसने की और इसका नाम कैसे पड़ा। कुछ लोककथाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भगवान राम के वनवास के बाद यह भूमि लक्ष्मण को दी गई थी। एक टीले के चारों ओर एक छोटा गांव बसाया गया था। जिसे लक्ष्णपुरी कहा जाता था वहीं टीले को लक्ष्मण टीला कहते थे।
क्या कहते हैं इतिहासकार
इतिहासकार अब्दुल हलीम ने अपनी किताब पुराना लखनऊ में लिखा है कि कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता कि शहर की स्थापना किसने की और इसका नाम कैसे पड़ा। कुछ लोककथाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भगवान राम के वनवास के बाद यह भूमि लक्ष्मण को दी गई थी। एक टीले के चारों ओर एक छोटा गांव बसाया गया था। जिसे लक्ष्णपुरी कहा जाता था वहीं टीले को लक्ष्मण टीला कहते थे।