भगवान लक्ष्मण ने बसाया था यह शहर
हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्रीराम जो अयोध्या के राजा थे। उन्होंने अपने भाई लक्ष्मण को यह क्षेत्र सौंप दिया था। इसके बाद भगवान लक्ष्मण ने गोमती नगर के तट पर एक नगर बसाया, जिसे लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से जाना गया।
हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्रीराम जो अयोध्या के राजा थे। उन्होंने अपने भाई लक्ष्मण को यह क्षेत्र सौंप दिया था। इसके बाद भगवान लक्ष्मण ने गोमती नगर के तट पर एक नगर बसाया, जिसे लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से जाना गया।
इसके बाद यही नाम बाद में बदल कर लखनऊ हो गया। इस बात की जानकारी लखनऊ शहर की आधिकारिक वेबसाइट lucknow.nic.in पर भी साफ-साफ लिखी हुई है। नगर के पुराने भाग में एक ऊंचा टीला है, जिसे आज भी लोग ‘लक्ष्मण टीला’ के नाम से जानते हैं।
पहले आप वाली शैली समायी हुई है यहां
लखनऊ आज भी अपनी विरासत में मिली संस्कृति को आधुनिक जीवनशैली के संग बड़ी सुंदरता के साथ संजोए हुए है। यहां आज भी ‘पहले आप’ वाली शैली समायी हुई है। वक्त के साथ-साथ बहुत कुछ बदलाव हुआ है, लेकिन यहां की एक तिहाई जनसंख्या इस तहजीब को आज भी संभाले हुए है।
लखनऊ आज भी अपनी विरासत में मिली संस्कृति को आधुनिक जीवनशैली के संग बड़ी सुंदरता के साथ संजोए हुए है। यहां आज भी ‘पहले आप’ वाली शैली समायी हुई है। वक्त के साथ-साथ बहुत कुछ बदलाव हुआ है, लेकिन यहां की एक तिहाई जनसंख्या इस तहजीब को आज भी संभाले हुए है।
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लखनऊ को पूर्व के गोल्डन सिटी, शिराज-ए-हिंद और भारत के कांस्टेंटिनोपल के नाम से भी जाना जाता है।इतिहास का मानना है की शुजा-उदौला के बेटे असफ-उद-दौला ने साल 1775 में फैजाबाद से लखनऊ तक राजधानी चलाई। इसके बाद पूरे भारत में इसे सबसे समृद्ध और शानदार शहरों में से एक बना दिया।
अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता है लखनऊ
लखनऊ को तहजीब का शहर के नाम से भी जाना जाता है। साल 1850 में अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली, इसके बाद लखनऊ के नवाबों का शासन हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो गया। लखनऊ एतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।
लखनऊ को तहजीब का शहर के नाम से भी जाना जाता है। साल 1850 में अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने ब्रिटिश अधीनता स्वीकार कर ली, इसके बाद लखनऊ के नवाबों का शासन हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो गया। लखनऊ एतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।