ये भी पढ़ें- तीन स्कूलों में मिले 19 कोरोना पॉजिटिव, मार्च 2020 जैसी सख्ती के निर्देश जारी ‘तांडव’ नाम बताया भावना को ठेस पहुंचाने वाला- कोर्ट ने आगे कहा कि जो लोग बहुसंख्यक समुदाय के मूल अधिकारों (Fundamental Rights) का सम्मान नहीं करते वे अपने मूल अधिकारों की सुरक्षा की मांग भी नहीं कर सकते। कोर्ट ने वेब सीरीज ‘तांडव’ (Tandav) के नाम को ही भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया और अपर्णा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। इससे पहले अपर्णा के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज था। वह बुधवार को दोपहर अपना बयान दर्ज करने के लिए मुंबई से लखनऊ भी आई थी, जहां उनसे पुलिस ने करीब 100 सवाल पूछे।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि यहां हिंदू देवी देवताओं को लेकर फिल्मे बनायी जाती हैं, जब्कि पश्चिमी देशों में ऐसा नहीं। वहां जीसस व मोहम्मद पर फिल्म नहीं बनाई जाती। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला देते हुए कहा कि फिल्म निर्माताओं प्रकाशकों को लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि यची ने जेएनयू दिल्ली के छात्रों के आपत्तिजनक नारों को भी वेब सीरीज में शामिल किया है, जो भारतीयों को असहिष्णु बताता है। वेब सीरीज में भारत को रहने लायक देश न होने के रुप में पेश किया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि यहां हिंदू देवी देवताओं को लेकर फिल्मे बनायी जाती हैं, जब्कि पश्चिमी देशों में ऐसा नहीं। वहां जीसस व मोहम्मद पर फिल्म नहीं बनाई जाती। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला देते हुए कहा कि फिल्म निर्माताओं प्रकाशकों को लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि यची ने जेएनयू दिल्ली के छात्रों के आपत्तिजनक नारों को भी वेब सीरीज में शामिल किया है, जो भारतीयों को असहिष्णु बताता है। वेब सीरीज में भारत को रहने लायक देश न होने के रुप में पेश किया गया है।