याचिका में कहा गया है कि परीक्षा नियंत्रक ने कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को नजरअंदाज करते हुए परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। पहले तो कोरोना संक्रमण की वजह से रेलगाड़ियों का सामान्य तरीके से संचालन नहीं हो रहा है और दूसरा यह कि बड़ी संख्या में दूरदराज से आने वाले छात्र परीक्षा देने के लिए लखनऊ नहीं पहुंच पाएंगे। इसके साथ ही याचिका में ये भी कहा गया है कि परीक्षा देने वाले छात्रों को ठहरने के लिए लखनऊ में अलग से जगह ढूंढनी पड़ेगी।
विवि के तीन प्रोफेसर संक्रमित याची छात्रों ने कहा कि विवि में तीन प्रोफेसर संक्रमित पाए गए हैं। कुछ स्टाफ कर्मी भी संक्रमित हैं। लिहाजा परिसर में संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है। छात्रों ने विश्वविद्यालय की ऑनलाइन कक्षाओं की कामयाबी पर भी सवाल उठाए हैं। छात्रों ने आईआईटी कानपुर और दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई संस्थानों की मिसाल देते हुए अदालत से आग्रह किया कि लखनऊ विश्वविद्यालय को भी छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किए जाने या फिर इंटरनेट की उपलब्धता और छात्रों के पास लैपटॉप मौजूद होने से जुड़े पहलुओं का ख्याल करते हुए ऑनलाइन परीक्षा लेने पर विचार करने के निर्देश दिए जाएं।