हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में 11 फरवरी 2021 के शासनादेश को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया है
सीटों के आरक्षण में लंबे समय तक 1999 के नियमों का पालन किया गया। नियम के अनुसार सीटों का आरक्षण 1995 को आधार वर्ष मानकर किया जाए, लेकिन 16 सितंबर, 2015 को एक शासनादेश जारी कर कहा गया कि जिला, क्षेत्र और ग्राम पंचायतों की भौगोलिक सीमाओं में बदलाव हुआ है, इसलिए 2015 को आधार वर्ष माना जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि अब सरकार 2015 के आदेश को दरकिनार कर 1995 को ही आधार वर्ष मानकर सीटें आरक्षित कर रही है।
सीटों के आरक्षण में लंबे समय तक 1999 के नियमों का पालन किया गया। नियम के अनुसार सीटों का आरक्षण 1995 को आधार वर्ष मानकर किया जाए, लेकिन 16 सितंबर, 2015 को एक शासनादेश जारी कर कहा गया कि जिला, क्षेत्र और ग्राम पंचायतों की भौगोलिक सीमाओं में बदलाव हुआ है, इसलिए 2015 को आधार वर्ष माना जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि अब सरकार 2015 के आदेश को दरकिनार कर 1995 को ही आधार वर्ष मानकर सीटें आरक्षित कर रही है।