ये 16 जिले अलर्ट पर लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, संत कबीर नगर, बलिया, बाराबंकी, सीतापुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, गोंडा, बस्ती और मऊ जिले अलर्ट पर हैं। खतरे के निशाने पर नदियां
लगातार हो रही बारिश से नदियों में जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई गई है। रोहिणी नदी खतरे के जलस्तर से 0.9 मीटर ऊपर बह रही है। शारदा, घाघरा और राप्ती नदियां भी खतरे के निशान के करीब पहुंच रही हैं। शारदा व घाघरा नदियों के बढ़ते जलस्तर ने फौजदारपुरवा, कोनीपुरवा, परमेश्वरपुरवा, जटपुरवा आदि गांवों के निवासियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। बढ़ते जलस्तर से ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। तटवर्ती गांवों में लोग दहशत में हैं। इसलिए इन नदियों के क्षेत्र में आने वाले सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रहने के साथ आपदा कंट्रोल रूम के माध्यम से स्थिति की लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया गया है, ताकि बाढ़ के हालात पैदा होने पर तत्काल स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने महराजगंज और सिद्धार्थनगर जिलों के बाढग़्रस्त क्षेत्रों और वहां किये जा रहे बाढ़ प्रबंधन के काम की रिपोर्ट भी तलब की है। अन्य जिलों से भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों और उनमें राहत कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट तय प्रारूप पर रोज भेजने के लिए कहा गया है।
बहराइच में जलस्तर स्थिर सीतापुर में बारिश व बैराजों से छोड़ा गया पानी रेउसा ब्लाक के बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की मुश्किल बढ़ा रहा है। बहराइच में घाघरा का जलस्तर स्थिर है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर नीचे बह रही हैं। इसी तरह लखीमपुर खीरी में भी कुछ राहत है। शारदा नदी खतरे के निशाने से 15 सेमी नीचे बह रही है। उधर, श्रावस्ती में 18 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। राप्ती बैराज पर नदी खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गई है।