हार्ट के मरीजों के लिए अच्छी खबर, नहीं करना पड़ेगा सर्जरी, कम पैसे में मिलेगा फायदा
लखनऊ. दिल की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब दिल में पूरी तरह से बंद धमनियों (heart blockage) का इलाज बिना सर्जरी के भी हो सकता है। नई तकनीक क्रोनिकल टोटल आक्लूजन (सीटीओ ) से अब भारत में दिल के मरीजों का इलाज आसानी से किया जा सकेगा। इस तकनीक से इलाज का पहला तरीका यह है कि एंजियोप्लास्टी की तरह सीधे वायर को नसों में ब्लॉकेज वाले स्थान पर ले जाया जाए। दूसरा यह कि सीधे तौर पर तार नसों में प्रवेश नहीं कर पाते तो वे दूसरी नसे होते हुए ब्लॉकेज वाले स्थान पर पहुंचाए जाते हैं फिर यह जहां ब्लॉकेज होता है उसे खोल देते हैं। इससे सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है। एसजीपीजीआई के हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. पीके गोयल बताते हैं कि इसमें खर्च ओपन सर्जरी से करीब 10 फ़ीसदी ज्यादा आता है, हालांकि सर्जरी में मरीज को तमाम दुश्वारियां झेलनी पड़ती है। संक्रमण का भी खतरा रहता है। दवाएं ज्यादा लेनी पड़ती है। इनमें झंझटों से मुक्ति मिल जाती है।
लखनऊ के अस्पताल में जल्द होगा शुरू जापान में सबसे ज्यादा प्रचलित क्रॉनिकल टोटल आक्लूजन (सीटीओ) तकनीक से अब लखनऊ के अस्पताल में भी जल्द ही इलाज किया जाएगा। एसजीपीजीआई (sgpgi) में तीन दिन तक हृदय रोग विशेषज्ञों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही 13 रोगियों का सजीव उपचार कर दिखाया जाएगा। प्रो. पीके गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि सीटीओ तकनीक से उपचार करने वाले भारत के विशेषज्ञों और जापान के हृदय रोग विशेषज्ञों ने क्लब बनाया है। इस तकनीक के फायदे देखते हुए नई पीढ़ी के हृदय रोग विशेषज्ञों को इसके बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस उम्र के लोगों के लिए है कारगर डॉक्टर सूर्य प्रकाश राव बताते हैं कि जिन मरीजों की उम्र 60 साल से अधिक है और सर्जरी नहीं करवा सकते उनके लिए सीटीओ तकनीक सबसे ज्यादा कारगर है। वह बताते हैं कि हैदराबाद में 1000 से ज्यादा मरीजों का इस तकनीक से इलाज किया जा चुका है। इसमें सफलता दर 99 फ़ीसदी है। इसमें खास तरह के तार का इस्तेमाल होता है। यह एंजियोप्लास्टी वाले तार से अलग हैं। इसे गाया वायर भी बोलते हैं । इसमें जोखिम भी काफी कम है।
हार्ट ब्लॉकेज होने के कारण (heart blockage treatment) Heart Blockage एक ऐसी समस्या है जोकि Human की pulses का सुचारू रूप से काम करना बंद कर देती हैं। इस दौरान Heart pulses पूरी तरह से मतलब pulsesरूक-रूक कर चलती है, लेकिन ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है क्योंकि ये heart blockage treatment t आम है। इसलिए कुछ लोगों मे यह समस्या जन्म के साथ से ही शुरू हो जाती है, जबकि कुछ लोगों में बड़े होने पर Problem गंभीर रूप ले लेती है। जिन लोगो के साथ ये समस्या जन्मजात होती है और Heart Blockage की problem को congenital heart blockage कहते है जबकि जन्म के बाद में हुई Heart Blockage की समस्या को acquired heart blockage कहते हैं।
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