ये भी पढ़ें- मुलायम सिंह यादव व पत्नी कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में हुए भर्ती नई बीमारियों को कवर करने के कारण बढ़ा प्रीमियम- पॉलिसीधारकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के सालाना प्रीमियम में 40-70 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। बीमा नियामक इरडा के नए निर्देशों के अमल में आने के बाद इंश्योरेंस कंपनियों ने यह कदम उठाया है। कंपनियों ने भी लगातार बढ़ रहे आर्थिक बोझ की ओर इरडा का ध्यान खींचने का कोशिश की है। इसी के साथ ही इरडा के निर्देशानुसार कोविड-19 जैसी महामारी के अतिरिक्त एचआईवी/एड्स, आर्टिफिशियल लाइफ मेनटिनेंस, मानसिक बीमारी का उपचार, मानसिक विकार, उम्र संबंधी बीमारियों को कवर करना अनिवार्य हो गया है। जिसके बाद कंपनियों के पास पॉलिसी की कीमतों को बढ़ाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
ये भी पढ़ें- कोरोना को-वैक्सीन से जुड़ी बड़ी खबर, यूपी में टल गया आखिरी ट्रायल, सीएम ने दी थी मंजूरी कंपनियों को हो रहा था नुकसान-
लखनऊ में रॉयल सुंदरम इंश्योरेंस पालिसी के असिस्टेंट मैनेजर अजय का कहना है कि पॉलिसी के दाम बढ़ने की कई वजहे हैं। अब जो पॉलिसी होंगी वह comprehensive होंगी। इरडा के निर्देश हैं कि अन्य बीमारियों के अतिरिक्त प्री-एक्सिस्टिंग बीमारीयों या 10 साल पुरानी बीमारियों को भी इंश्योरेंस पॉलिसी कवर करेगी। वहीं उन्होंने कहा कि कंपनियों को भी इस दौरान भारी नुकसान हो रहा था। अस्पतालों द्वारा क्रिटिकल बीमारियों के इलाज का खर्चा भी खूब लिया जा रहा था। इस सवाल पर की क्या आयु वर्ग के हिसाब से पॉलिसी प्रीमियम के रेट तय नए हो सकते थे, इस पर उन्होंने कहा कि अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग पॉलिसी बनाना मुश्किल है।
लखनऊ में रॉयल सुंदरम इंश्योरेंस पालिसी के असिस्टेंट मैनेजर अजय का कहना है कि पॉलिसी के दाम बढ़ने की कई वजहे हैं। अब जो पॉलिसी होंगी वह comprehensive होंगी। इरडा के निर्देश हैं कि अन्य बीमारियों के अतिरिक्त प्री-एक्सिस्टिंग बीमारीयों या 10 साल पुरानी बीमारियों को भी इंश्योरेंस पॉलिसी कवर करेगी। वहीं उन्होंने कहा कि कंपनियों को भी इस दौरान भारी नुकसान हो रहा था। अस्पतालों द्वारा क्रिटिकल बीमारियों के इलाज का खर्चा भी खूब लिया जा रहा था। इस सवाल पर की क्या आयु वर्ग के हिसाब से पॉलिसी प्रीमियम के रेट तय नए हो सकते थे, इस पर उन्होंने कहा कि अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग पॉलिसी बनाना मुश्किल है।
पॉलिसीधारक परेशान-
लखनऊ निवासी पॉलिसीधारक 37 वर्षीय हरिओम द्विवेदी का कहना है कि यह फैसला समझ से परे हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी व एक बच्चा भी है। उन्होंने बताया कि 70 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी यदि हुई तो मेरे लिए इसे रिन्यू करवाना बेहद मुश्किल है। मेरे हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम 8000 प्लस थी, जो इस बार 14000 प्लस हो गई है। IRDA ने कैसे इसे मंजूरी दे दी। समझ से परे है। उनका कहना है कि फैसले से कंपनियां मजे करेंगी और हम जैसे लोग परेशान होंगे। अब आमजन या तो महंगी पॉलिसी खरीदें या फिर बिना हेल्थ कवर खुद को राम भरोसे छोड़े। अब देखना है कि इरडा के इस फैसले से लोगों का क्या रुझान रहेगा।
लखनऊ निवासी पॉलिसीधारक 37 वर्षीय हरिओम द्विवेदी का कहना है कि यह फैसला समझ से परे हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी व एक बच्चा भी है। उन्होंने बताया कि 70 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी यदि हुई तो मेरे लिए इसे रिन्यू करवाना बेहद मुश्किल है। मेरे हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम 8000 प्लस थी, जो इस बार 14000 प्लस हो गई है। IRDA ने कैसे इसे मंजूरी दे दी। समझ से परे है। उनका कहना है कि फैसले से कंपनियां मजे करेंगी और हम जैसे लोग परेशान होंगे। अब आमजन या तो महंगी पॉलिसी खरीदें या फिर बिना हेल्थ कवर खुद को राम भरोसे छोड़े। अब देखना है कि इरडा के इस फैसले से लोगों का क्या रुझान रहेगा।