पंखुरी श्रीवास्तव की उड़ान आसां नहीं थी पंखुरी श्रीवास्तव की कहानी बेहद रोचक है। और आज की कैरियर बनाने वाली लड़कियों के लिए एक मिसाल है। पंखुरी श्रीवास्तव आसमान में उड़ान भरना चाहती थी। राह इतनी आसान नहीं थी। यूपी के एक छोटे से शहर झांसी की रहने वाली पंखुड़ी ने 10वीं तक की पढ़ाई झांसी के सेंट फ्रांसिस इंटर कॉलेज से की थी। फिर भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई पूरी की। और अपने सपनों को पंख देने के लिए मुंबई चली गईं। उनके पिता रजनीश श्रीवास्तव बैंक में मैनेजर हैं।
यह भी पढ़ें
केंद्रीय चुनाव आयोग यूपी की स्थिति का आज लेगा जायजा
भारी मुश्किलों ने दिया आइडिया झांसी से जब पंखुड़ी श्रीवास्तव मुंबई पहुंचीं तो उन्हें रेंट पर फ्लैट लेने के लिए तमाम मुश्किलें आईं। भारी मुश्किलों के बाद ब्रोकर्स को भारी-भरकम फीस देनी पड़ी। तब जाकर रेंट पर मकान मिला। इस परेशानी के बाद उनके दिमाग में आइडिया आया कि क्यों न ऐसी कंपनी शुरू करें, जिससे लोगों को घर ढूंढने में इतनी जद्दोजहद न उठानी पड़े। फिर क्या था उन्होंने 20 हजार रुपए की लागत से ग्रैबहाउस (वर्ष 2012) की शुरुआत की। कम्पनी ने इतनी लोकप्रियता हासिल कर ली कि कंपनी का सालाना टर्नओवर 720 करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया। रेंटल स्टार्टअप ग्रैबहाउस को वर्ष 2016 में ऑनलाइन क्लासीफाइड कंपनी क्विकर को नकद और इक्विटी सौदे में बेचा दिया गया था। यह भी पढ़ें : धनकुबेर पीयूष जैन की कहानी, अकूत संपदा का आदमी पायजामे में पहुंच जाता था शादी-ब्याह में, चलता था खटारा कार से महिलाओं पर फोकस था पंखुड़ी इसके बाद महिलाओं पर फोकस करने वाले प्लेटफॉर्म पंखुड़ी को साल 2019 में लॉन्च किया था। ‘पंखुड़ी’ के जरिए इसके सदस्यों को लाइव इंटरएक्टिव कोर्स, एक्सपर्ट चैट और रूचि आधारित क्लब के माध्यम से सामाजिकरण, खोजना और स्किल डेवलपमेंट बढ़ाने में मदद मिलती है। इस प्लेटफॉर्म ने उन्हें बेहतर और लाइफस्टाइल की बातचीत में एक्टिव बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। पंखुड़ी ने इस प्लेटफॉर्म के जरिए सिकोइया कैपिटल इंडिया के एक्सेलेरेटर प्रोग्राम, सर्ज, और इंडिया कोटिएंट और टॉरस वेंचर्स से 3.2 मिलियन डॉलर की कमाई की थी। टीच फॉर इंडिया के फेलोशिप प्रोग्राम के तहत मुंबई के नगरपालिका स्कूलों में भी पढ़ाया।
सपना अब सपना ही रह गया पंखुड़ी श्रीवास्तव का सपना था कि वह इंडिया की बड़ी वीमेन इंटरप्रेन्योर बनना चाहती थीं। पर सपना अब सपना ही रह गया। युवा वीमेन इंटरप्रेन्योर की मृत्यु से गहरे सदमे में इंडस्ट्रलिस्ट –
मैं उन्हें याद कर रही हूं कलारी कैपिटल की संस्थापक वाणी कोला ने अपने ट्वीट पर लिखा, यह मेरे लिए एक सदमे के रूप में आया जब मुझे पता चला कि पंखुरी अब नहीं रहीं। मैं उनके विचारों और एक जीवंत उज्जवल महिला के रूप में याद करती हूं।
इकोसिस्टम के लिए बड़ा नुकसान कोला ने यूएस-आधारित माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर श्रद्धांजलि में पोस्ट किया, उनका निधन हमारे स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए एक नुकसान है। हमने एक उज्जवल और युवा संस्थापक को खो दिया है, लेकिन मुझे पता है कि उनकी विरासत जीवित रहेगी। पंखुड़ी को जानना वास्तव में एक सौभाग्य की बात थी।
बहुत दुखी और स्तब्ध हूं सिकोइया इंडिया के प्रबंध निदेशक रंजन आनंदन ने अपने एक ट्वीट पर लिखा, इस अचानक हुए नुकसान से बहुत दुखी और स्तब्ध हूं। पंखुड़ी जीवन, विचारों और जुनून से भरी हुई थी और उसमें मिशनरी उत्साह था। हमें अपने सर्ज परिवार में पंखुड़ी का होना बहुत पसंद था और हम आपको बहुत याद करेंगे। इस कठिन समय उनके परिवार के साथ हूं।