CBI की बढ़ती दस्तक देखकर शासन ने भी ऐसे अफसरों की सूची बनानी शुरू कर दी है। फील्ड में तैनात दागी या खराब छवि वाले अफसरों को किनारे लगाया जा सकता है। सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में अपनी छवि को लेकर कोई भी समझौता करते नहीं दिखना चाहती है। इसलिए ऐसे अफसरों की तलाश तेज कर दी गई है।
SP & BSP सरकार के समय के कई मामलों की केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां जांच कर रही हैं। इसमें सवालों और आरोपों के घेरे में तमाम अफसर हैं। योगी सरकार में उन्हें जिलों से लेकर शासन तक में महत्वपूर्ण तैनाती मिल गई। अब जब जांच एजेंसियां इनके घर पहुंच रही हैं तो यह भी सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर दागियों को अहम तैनाती कैसे मिली? अब जब जांच एजेंसियां इनके घर पहुंच रही हैं .
पूर्व डीएम अभय कुमार सिंह का हवाला देते हुए अफसर कहते हैं कि ऐसा पहली बार है जब यूपी में किसी डीएम के सरकारी आवास पर सीबीआई पहुंची और वहां इतना कैश मिला। इन स्थितियों को देखते हुए दागी छवि या जांच के घेरे में आने वाले अफसरों को अहम पदों से हटाने की तैयारी शुरू हो गई है।