शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राजस्व विभाग के कामकाज और उपलब्ध मानव संसाधन की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग और राजस्व परिषद में काम के बदलते स्वरूप और अधिकता को देखते हुए दक्ष युवाओं की तैनाती की जानी चाहिए। नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए तहसील, जिला, मंडल और राजस्व परिषद में आई.टी. में दक्ष लोगों की तैनाती की जानी चाहिए।
‘राजस्व विभाग सीधे तौर पर आम आदमी से जुड़ा’
उन्होंने कहा है कि राजस्व विभाग सीधे तौर पर आम आदमी से जुड़ा हुआ है। आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों से लेकर पैमाइश, नामांकन, घरौनी, खतौनी, सर्वे, पट्टा सहित ढेरों महत्वपूर्ण प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण हो सके, इसके लिए न केवल विभाग के रिक्त पदों पर नई नियुक्ति की आवश्यकता है, बल्कि आवश्यकतानुसार नवीन पदों का सृजन किया जाए। उन्होंने राजस्व परिषद के अंतर्गत बंदोबस्त आयुक्त (ग्रामीण) बंदोबस्त आयुक्त (नगरीय) तथा निदेशक प्रशिक्षण का नवीन पद सृजित करने की भी जरूरत बताई। यह भी पढ़ें
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‘लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को वाहन भत्ता दिया जाना चाहिए’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता के कार्यों में राजस्व विभाग के कार्मिकों को प्रायः फील्ड विजिट करना पड़ता है। ऐसे में यह उचित होगा कि लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को वाहन भत्ता दिया जाना चाहिए। इसी तरह नायब तहसीलदार की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी के लिए उन्हें चार पहिया वाहन की उपलब्धता कराई जाए। साथ ही, जीपीएस से संबंधित कार्यों के बेहतर संपादन के लिए लेखपालों और राजस्व निरीक्षकों को नए टैबलेट भी उपलब्ध कराए जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आम जन से जुड़े कार्यों को समयबद्धता के साथ मेरिट के आधार पर निस्तारित किया जाए, अनावश्यक रूप से कोई प्रकरण लंबित न रहे। राजस्व कार्मिकों के प्रशिक्षण पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने राजा टोडरमल सर्वेक्षण भूलेख प्रशिक्षण संस्थान, हरदोई में आधारभूत अवसंरचना को और बेहतर करने के निर्देश भी दिए।