लखनऊ. Subsidy to Medical Equipment Industry. प्रदेश में कोविड (Covid-19) के बेहतर इलाज में ऑक्सीजन और अन्य मेडिकल उपकरणों की कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने ‘कोविड इमरजेंसी वित्त पोषण योजना’ को मंजूरी दे दी है। कोविड के इलाज से संबंधित जरूरी मेडिकल उपकरणों की नई इकाई की स्थापना के लिए यूपी सरकार 25 फीसदी तक अधिकतम 10 करोड़ की सब्सिडी देगी। योगी सरकार ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना अधिसूचना जारी होने के बाद से एक साल के लिए प्रभावी रहेगी।
रिवाल्विंग फंड बनाएगी सरकार कोविड महामारी को लेकर पूरे प्रदेश में संकट है। महामारी की व्यापकता को देखते हुए तत्काल आवश्यकताओं की पूर्ति से इस योजना से बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है। योजना का लाभ लेने के लिए प्लांट, मशीनरी, उपकरण में पूंजी निवेश की न्यूनतम सीमा 20 लाख रुपये रखी गई है। पात्र इकाइयों को वित्तीय सहायता देने के लिए सरकार रिवाल्विंग फंड बनाएगी। ऐसी इकाइयों को 72 घंटे के अंदर सभी एनओसी दिए जाएंगे। पात्र इकाई को प्लांट, मशीनरी, इक्यूपमेंट की स्थापना पर खर्च होने वाली धनराशि का अधिकतम 10 करोड़ रुपये या 25 फीसदी, जो भी कम होगा वह वित्तीय सहायता पूंजी उपादान (कैपिटल सब्सिडी) सरकार देगी।
कमर्शियल बैंक में आवेदन जरूरी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक इकाई को किसी भी शेड्यूल कमर्शियल बैंक और सिडबी में आवेदन करना होगा। इस पर अपर मुख्य सचिव एमएसएमई व निर्यात प्रोत्साहन विभाग की अध्यक्षता में शासन स्तर पर गठित कमेटी में फैसला लिया जाएगा।
सोमवार से सभी मंडल मुख्यालय वाले जिलों के 18 पार वालों को लगेगा कोरोना का टीका उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन अभियान में पांच और जिले जोड़ दिए हैं। सोमवार 17 मई से यूपी के पांच अन्य जिलों में भी 18-44 वर्ष के लोगों को कोविड का टीका लगेगा। अभी तक 18 जिलों में वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा था। अब यह कार्यक्रम 23 जिलों में चलेगा। अब तक यूपी में 45 वर्ष से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के कुल एक करोड़, 1,14,67,023 लोगों को पहली डोज मिल चुकी है। 31,16,480 लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि 17 मई से सभी मंडल मुख्यालय वाले जिलों में कोविड वैक्सीनेशन शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि पहले दिन लोगों के उत्साहवर्धन के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। वैक्सीन सेंटर तय करते समय यह ध्यान रखें कि स्थल पर प्रतीक्षालय के लिए खुला स्थान हो। तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए सभी जिला अस्पतालों में कम से कम 10-15 बेड और मेडिकल कॉलेज में 25-30 बेड की क्षमता वाले पीडियाट्रिक आईसीयू को तैयार करने के निर्देश हैं।
ये भी पढ़ें: जल्द ही यूपी को मिलेगा आईआईटी कानपुर में तैयार हो रहा ऑक्सीजन कंसट्रेटर, कीमत में काफी कम पोस्ट कोविड मरीजों को मिलेगा मुफ्त इलाज सीएम योगी ने यूपी की जनता को एक नया तोहफा दिया है। सीएम ने अपनी नई घोषणा में कहा है कि, अब यूपी में पोस्ट कोविड मरीजों मुफ्त इलाज होगा। इस ऐलान के बाद यूपी देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां पर सरकार यह योजना चला रही है। शनिवार को कोरोना संक्रमण की समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, कोविड संक्रमण से मुक्त हो जाने के बाद भी कई मरीजों को उपचार प्रदान करने की आवश्यकता बनी रहती है। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग ऐसे रोगियों के उपचार की निशुल्क व्यवस्था की जाए। इन अस्पतालों में स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के समुचित प्रबंध हों। साथ ही, मरीजों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाए।
पोस्ट कोरोना मरीजों को इलाज की जरूरत देखा जा रहा है कि, कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी लोगों को कई दिन या महीने भर तक उससे जुड़े लक्षणों या दुष्प्रभावों से जूझना पड़ रहा है। क्योंकि यह वायरस सर्वाधिक फेफड़ों को प्रभावित करता है। वहीं, किडनी, लिवर, हार्ट और धमनियों को भी प्रभावित करता है। ऐसे मरीजों को इलाज की सख्त जरूरत पड़ती है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है कि अब पोस्ट कोरोना मरीजों का इलाज सरकारी अस्पतालों में मुफ्त होगा।