किसानों को खेत से लेकर खलिहान तक और बीज से लेकर बाजार तक आत्मनिर्भर बनने की दिशा में योगी सरकार ने यह फैसला किया है। यूपी सरकार क्षेत्र के हजारों किसानों से कृषि अपशिष्टों धान का पुआल जिले पराली भी कहते हैं खरीदने की योजना बनाई है। इसी तरह मक्के का डंठल, गन्ने की पत्ती की खरीदारी भी की जानी है। एग्रो वेस्ट से निर्मित फ्यूल ब्रिकेट पैलट का संयत्र में ट्रायल पूरा हो चुका है। अब तक किसानों से उनका फसल अवशेष पराली, मक्के का डंठल, गन्ने की पत्ती आदि करीब 10 हजार कुंटल खरीदी भी जा चुकी गई है।
अवशेष की दर – पराली (धान पुआल) बेल डेढ़ रुपए प्रति किलो – मसूर भूसा दो रुपए प्रति किलो – गन्ने की पत्ती की बेल (गांठ) डेढ़ रुपए प्रति किलो – गेहूं का निष्प्रयोज्य अवशेष डेढ़ रुपए किलो
– मक्का डंठल डेढ़ रुपए प्रति किलो – अरहर स्टैक (झकरा) तीन रुपए प्रति किलो
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