यह भी पढ़ें
घाघरा में तेजी से बढ़ रहा पानी, नदी के तट पर बसे कई गावों पर बढ़ा कटान का खतरा, पलायन करने को मजबूर ग्रामीण
स्कूल पहुंचकर देनी होगी सेल्फी विभाग ने इस प्रक्रिया को सेल्फी अटेंडेंस मीटर का नाम दिया है। इस प्रक्रिया में टीचरों (Sarkari Teacher) को स्कूल पहुंचकर सबसे पहला काम एक सेल्फी लेकर विभाग के व्हाट्सएप्प ग्रुप पर पोस्ट करना है। इसी से उनकी स्कूल में उपस्थिति दर्ज मानी जाएगी। मौजूदा स्कूल समय के मुताबिक सेल्फी अपलोड करने की समय सीमा सुबह 8 बजे की है। हालांकि कुछ शिक्षकों ने विभाग की इस प्रक्रिया पर अपना तर्क दिया है कि स्कूल में इंटरनेट की धीमी स्पीड और नेटवर्क की समस्या रहती है, लेकिन अधिकारी इसको नहीं मानते। इस नई प्रक्रिया से हम लोगों को काफी समस्या आ रही है। कभी नेट की स्पीड इतनी धीमी होती है कि सेल्फी पोस्ट ही नहीं हो पाती और हमें पूरे दिन की सैलरी से हाथ धोना पड़ता है।
यह भी पढ़ें
इटावा जेल से भागे जिस कैदी की ट्रेन से कटकर हुई थी मौत, उसने पांच दलितों को गोलियों से भूनकर उतारा था मौत के घाट
ऑटोमेटिक है पूरा सिस्टम वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि सेल्फी मिलने और वेरिफाइ करने की पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक है और इसे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल के सख्त आदेश के बाद लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को निर्देश दिये गए हैं कि अगर वह 8 बजे तक अपनी सेल्फी पोस्ट नहीं करते, तो उनकी पूरे दिन की सैलरी कटेगी।