केंद्र ने बढ़ाया पर यूपी ने नहीं केंद्र सरकार ने मार्च में अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को पहली जनवरी 2022 से डीए व डीआर बढ़ा कर देने का फैसला किया था। इस फैसले की वजह से केंद्र सरकार के कर्मचारियों व पेंशनरों का डीए व डीआर बढ़कर 34 प्रतिशत हो गया है।
यह भी पढ़ें – Azadi Ka Amrit Mahotsav: यूपी में 11-17 अगस्त तक हर घर में लहराएगा तिरंगा, गूंजेगा झंडा ऊंचा रहे हमारा प्रतिमाह 220 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्ययभार इधर यूपी के सरकारी कर्मचारी व पेंशनर मायूसी से यूपी सरकार की तरफ देख रहे हैं कि कब डीए और डीआर बढ़ेगा। उन्हें अभी 31 प्रतिशत की दर से ही डीए व डीआर मिल रहा है। यह तब है जब डीए-डीआर में जुलाई में फिर वृद्धि होनी है। कर्मचारियों और पेंशनरों को तीन प्रतिशत की बढ़ी दर से डीए व डीआर का भुगतान करने पर सरकार पर प्रतिमाह 220 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्ययभार आएगा।
यह भी पढ़ें – Amazing : एक ऑटो रिक्शा में 27 सवारियां कैसे, जनता हैरान पुलिस दंग डीए व डीआर की आस में कर्मचारी वैसे तो कर्मचारियों को जनवरी से देय अतिरिकत डीए का नकद भुगतान जुलाई के महीने से होने लगता था। इसी आधार पर कर्मचारी व पेंशनर डीए-डीआर बढ़ने की उम्मीद लगाए हैं। राज्य कर्मचारियों ने तीन प्रतिशत की बढ़ी दर से डीए का नकद भुगतान तत्काल सुनिश्चित करने की मांग की है। यह सरकार का वचनबद्ध व्यय है। केंद्र सरकार जहां जुलाई में फिर से बढ़ने वाले डीए का भुगतान करने की तैयारी कर रही है, वहीं राज्य सरकार अभी पिछला भुगतान ही नहीं कर पाई है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा का भी कहना है कि, लाखों कर्मचारी बढ़ी दर से डीए के नकद भुगतान की आस लगाए हैं।