scriptकहीं सोना लेते वक्त ठगी का शिकार तो नहीं हो रहे आप? जानें क्या है खरीदारी की सही strategy | Gold purchase know right strategy to buy gold rate today | Patrika News
लखनऊ

कहीं सोना लेते वक्त ठगी का शिकार तो नहीं हो रहे आप? जानें क्या है खरीदारी की सही strategy

जरूरी है कि ग्राहक कुछ जरूरी जानकारियों से परिपूर्ण हों, ताकि सोने (Gold) की कोई भी वस्तु खरीदते वक्त वह सुनार की चालाकी से बच सके।

लखनऊMar 04, 2021 / 10:19 pm

Abhishek Gupta

gold_cash.jpg

todays gold price

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

लखनऊ. सोना (Gold) सभी को पसंद है, लेकिन सही सोने की जानकारी सभी को नहीं होती और इस वजह से कई दफा ग्राहक जरूरत से ज्यादा भाव में सोने के आभूषण (Jewellery) खरीद घर ले लाते हैं। इसका पता उन्हें तब चलता है, जब वह उसी सोने को दोबारा उसी सुनार के पास बेचने जाते हैं और उन्हें कम कीमत पर ही संतुष्ट होना पड़ता है। दरअसल कई सुनार ग्राहकों को संपूर्ण जानकारी नहीं देते। ग्राहक भी इनकी बातों में आ जाते हैं और एक तरह से ठगी का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि ग्राहक कुछ जरूरी जानकारियों से परिपूर्ण हों, ताकि सोने की कोई भी वस्तु खरीदते वक्त वह सुनार की चालाकी से बच सके। वैसे बता दें कि गुरुवार 4 मार्च को लखनऊ में 24 कैरेट सोने का भाव 44900 रुपए प्रति 10 ग्राम चल रहा है।
ये भी पढ़ें- 8750 रुपए सस्ता हुआ सोना, निवेश करने का सही है समय, जानें आज के भाव

मेकिंग चार्जेंज में नेगोशियेशन जरूरी-
पैसा कमाने के लिए ज्वैलर्स कभी-कभी कुछ ज्यादा ही मेकिंग चार्जेज मांगते हैं। अलग-अलग ज्वेलर्स मेकिंग चार्जेज के रूप में अलग-अलग रकम वसूलते हैं। आमतौर पर मेकिंग चार्जेज सोने के मूल्य का लगभग 4% से 20% ही होता है। लेकिन कुछ ज्वैलर्स 40% तक चार्ज भी लेते हैं। इसके सबसे बड़ा नुकसान ग्राहक को तब होता है जब वह दोबारा सुनार के पास उसे बेचने जाता है। तो मेकिंग चार्जेस पर तोलमोल जरूर करें।
आभूषण में नग का वजन अलग से कराएं-

ग्राहक जब भी नग जड़े सोने के आभूषण खरीदें, तो वह ध्यान दें कि सोने का वजन अलग और उसमें जड़ने वाले रत्न के वजन अलग कर उसकी वैल्यू करे। क्योंकि ज्वैलर्स दोनों को एक साथ जोड़ते हुए उसका वजन करते हैं और सोने के भाव के हिसाब से उसकी कीमत लगाते हैं। आभूषण में लगने वाले रत्न बेहद ही सस्ते होते हैं। जब्कि सोने के भाव तो ज्यादा होते ही हैं। यदि ग्राहक ऐसे नहीं करेंगे तो वापस सुनार को बेचते वक्त उसे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। क्योंकि उस वक्त सुनार, रत्न को हटाकर आभूषण का वजन करते हैं और उस हिसाब से उसकी कीमत लगाते हैं।
ये भी पढ़ें- 35 वाला पेट्रोल लखनऊ में बिक रहा 90 रुपए प्रति लीटर, यह है मामला

सफाई कराने से पहले व बाद में वजन जरूर कराएं आभूषण-

ग्राहक अपने सोने के गहने ज्वैलर्स को साफ करने के लिए देते हैं। लेकिन, यह हमेशा सुरक्षित नहीं होता है क्योंकि कई ज्वैलर्स सोने की सफाई करते समय ग्राहकों को धोखा देते हैं। आभूषणों को एसिड के घोल में डालकर साफ किया जाता है। जब सोने को एसिड में डाला जाता है, तो सोने के कण घुल जाते हैं। यदि आप सफाई से पहले और बाद में गहने पहनते हैं, तो आप वजन में कुछ अंतर पा सकते हैं। ऐसे में सफाई से पहले और बाद में ग्राहक अभूषणों का वजन जरूर कर ले।
शुद्धता जरूर परखें-

कुछ ज्वैलर्स ग्राहकों को विशुद्धता में भी धोखा दे देते हैं। सोने की शुद्धता की जांच कैरेट के जरिए की जाती है। 24 कैरेट सोने को सोने का सबसे शुद्ध रूप माना जाता है। लेकिन इसकी ज्वैलरी नहीं बनती है, क्‍योंकि ये बेहद मुलायम होता है। वहीं 22 कैरेट सोना, सोने के 22 भागों और जिंक व कॉपर जैसे दो भागों को मिलाकर बनता है। ज्यादा इसकी मांग होती है। वहीं 18 कैरेट सोना और इससे नीचे की कैटिगरी का सोना भी मिलता है। आमतौर पर, जौहरी उच्च दर पर कम कैरेट वाला सोना बेचकर ग्राहकों को धोखा देते हैं। जैसे 22 कैरेट सोने की कीमत में 18 कैरेट सोने की बिक्री करते हैं। ऐसे जो भी आभूषण हो उसके कैरेट की जांच जरूर करें।
पारदर्शी बिल की मांग करें-
बिल पारदर्शी होना बहुत जरूरी है। मतलब किसी आभूषण के बिल में यह जरूर लिखा हो कि सोना कितने कैरेट का है, उसकी कीमत, जीएसटी कितना लगा है, आभूषण में जड़े नग कितने के हैं, मेकिंग चार्जेज कितना है। टोटल बिल का ब्रेक-अप होगा तो दोबारा बेचने में कोई परेशानी नहीं होगी।

Hindi News / Lucknow / कहीं सोना लेते वक्त ठगी का शिकार तो नहीं हो रहे आप? जानें क्या है खरीदारी की सही strategy

ट्रेंडिंग वीडियो