राजधानी के दुबग्गा निवासी अश्वनी कुमार बताते हैं कि 2014 में ज्वैलर्स ने उन्हें 22 कैरेट का बताकर सोना बेचा था। भारी-भरकम मेकिंग चार्ज अलग से लिया था। लॉकडाउन में जब वह ज्वैलर्स के पास सोना बेचने गये तो उन्हें पता चला कि उस वक्त उन्होंने जो सोना खरीदा था, वह 18 कैरेट का था। ऐसे में उन्होंने हजारों का नुकसान हुआ। अश्वनी ही नहीं ऐसे तमाम लोग हैं जो ज्वैलर्स के भरोसे सोना खरीद लेते हैं और यह भी नहीं पता करते कि सोना असली है या फिर नकली। और अगर असली है तो फिर वह कितने कैरेट का है। ऐसे में अगर आप सोना खरीदने जा रहे हैं तो आपके लिए हालमार्किंग को जानना बेहद जरूरी है।
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क्या है बीआईएस हॉलमार्क
उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में गोल्ड हॉलमार्किंग अनिवार्य है। हॉलमार्क बीआईएस का एक सर्टिफिकेट है, जिससे सोने की शुद्धता पता चलती है। बस आपको ध्यान यह रखना है कि हॉलमार्क असली है या फिर नकली। हॉलमार्किंग व सोने की शुद्धता की जांच के लिए हॉलमार्किंग के लिए अधिकृत सेंटर्स पर आभूषण ले जाकर पता करा सकते हैं। कुछ समय पहले तक लखनऊ के ज्वैलर्स हॉलमार्किंग के लिए दिल्ली जाया करते थे, लेकिन अब सुविधा राजधानी में उपलब्ध है। लखनऊ में हॉलमार्किंग सेंटर्स कहां-कहां हैं, अपनी एरिया के हिसाब से आप इंटरनेट पर भी चेक कर सकते हैं।
हॉलमार्क शुद्धता
375 37.5 फीसदी शुद्ध सोना
585 58.5 फीसदी शुद्ध सोना
750 75.0 फीसदी शुद्ध सोना
916 91.6 फीसदी शुद्ध सोना
990 99.0 फीसदी शुद्ध सोना
999 99.9 फीसदी शुद्ध सोना
375 37.5 फीसदी शुद्ध सोना
585 58.5 फीसदी शुद्ध सोना
750 75.0 फीसदी शुद्ध सोना
916 91.6 फीसदी शुद्ध सोना
990 99.0 फीसदी शुद्ध सोना
999 99.9 फीसदी शुद्ध सोना
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