आइए पढ़ते हैं, लड़की की स्टोरी, उसी की जुबानी …
जब परिवार के लोग लड़का खोज रहे थे, मैं अपने सपने खोज रही थी मैं गाजियाबाद के एक सामान्य परिवार से आती हूं। मेरी पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई है। बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक था पर घर में इतने पैसे नहीं थे कि अपने लिए कैमरा ले सकें। इसी बीच 2007 में मुझे दिल्ली स्थित राष्ट्रीय बाल भवन में शामिल होने का अच्छा अवसर मिला था। वहां पर स्टील फोटोग्राफी के साथ वीडियोग्राफी भी सिखाई गई। मुझे इस काम में बहुत मजा आया। उस दौरान मैंने कुछ शार्ट फिल्में भी बनाई।
जब परिवार के लोग लड़का खोज रहे थे, मैं अपने सपने खोज रही थी मैं गाजियाबाद के एक सामान्य परिवार से आती हूं। मेरी पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई है। बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक था पर घर में इतने पैसे नहीं थे कि अपने लिए कैमरा ले सकें। इसी बीच 2007 में मुझे दिल्ली स्थित राष्ट्रीय बाल भवन में शामिल होने का अच्छा अवसर मिला था। वहां पर स्टील फोटोग्राफी के साथ वीडियोग्राफी भी सिखाई गई। मुझे इस काम में बहुत मजा आया। उस दौरान मैंने कुछ शार्ट फिल्में भी बनाई।
कुछ अधूरे सपने लेकर आगे बढ़ रही थी, लेकिन मन में उठ रहा था सवाल तब मैं उम्र के उस दौर से गुजर रही थी,जब लड़कियां कॉलेज जाना शुरू कर देती है। उसी दौरान मेरी कुछ दोस्तों के माता पिता उनके लिए अच्छे परिवार का लड़का खोजने में जुट गए थे, जबकि मेरी सहेलियां आगे बहुत पढ़ना चाहती थी। यह सब देखकर अक्सर मेरे मन में यही सवाल आता था की हम लड़कियां अपने जीवन से जुड़ा कोई भी फैसला अपने आप क्यों नहीं ले सकती है।
बेपनाह प्यार में सिर्फ दर्द मिला, उसके बाद भी नहीं हारी दुनिया जब मैंने फोटोग्राफी फिल्ड में काम करने का मन बनाया तो बस उसी दौरान मुझे एक लड़के से प्यार हो गया था, मैं बेपनाह मोहब्बत करती थी। जबकि वो मुझसे उम्र में 8 साल बड़े थे। वो मेरे घर के बगल में ही रहते थे। प्यार के साथ मेरे मन में उनको लेकर बहुत इज्जत थी। अभी भी उनकी इज्जत करती हूं।
दूसरी जाति के लड़के से करती थी प्रेम, परिवार के आगे प्रेम गया झुक मुझे उन पर बहुत भरोसा था कि वो मुझसे शादी जरूर करेगे। सुनील दूसरी जाति से थे, इसलिए वो अपने परिवार वालो को मना नहीं पाए। फिर क्या था घर वालों को पता चला तो उनके माता पिता ने उनका रिश्ता कही और तय कर दिया । यह जानकर मुझे बहुत दुख हुआ क्योंकि भरोसा करती थी और मेरा भरोसा ही टूट गया था। मैने अपने आप को संभाला और आगे बढ़ी ।
तब मेरे दिल में ख्याल आया की सुनील से शादी नहीं हुई तो कोई बात नहीं। लेकिन कुछ सवाल मेरे जेहन में हमेशा चलते रहते थे, मैं शायद सही जवाब खुद में खोज ही नहीं पा रही थी। अचानक एक दिन ख्याल आया अब हमें अपने लिए लड़ना है, और यही से शुरू हुई एक और जिंदगी।
जिंदगी में आया वेबकैम, और बदल गई जिंदगी जिस प्यार को पाने के लिए मैंने अपने शौक को छोड़ दिया। उस शौक को पैशन बनाकर मैंने आगे बढ़ने का फैसला किया। जब मैंने अपने परिवार और दोस्तों को बताया कि मैं अपने प्रेमी की शादी में वीडियो शूट करने वाली हूं तो सब लोग मुझे पागल कहने लगे। लेकिन मेरी दो दोस्तों ने मेरा साथ दिया। उन सबको मुझ पर बहुत भरोसा था।
वेबकैम से बनाई फिल्म, प्रेमी के परिवार से पूछे सवाल सुनील जी से यानी मैंने अपने प्रेमी से फोन पर कहा कि मैं आपके गांव आना चाहती हूं, आपके यहां आपकी शादी का वीडियो शूट करना चाहती हूं, तो सुनील ने पहले मना कर दिया फिर बाद में बोले की तुम्हारी जैसी मर्जी।
मैं अपना कैमरा लेकर उनकी शादी में उनके गांव पहुंची। उनके परिवार वालो ने मुझे सहयोग किया और मेरे सवालो का जवाब भी दिया। मैंने सुनील के पिता जी से पूछा कि हमारी शादी क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि कभी नहीं हो सकती मैंने अपने वेबकैम में सबको रिकॉर्ड किया था। जिस तकलीफ से मैं गुजर रही थी बहुत मुश्किल होता है कुछ कह पाना।
प्रेमी की शादी का बनाया वीडियो और दी बधाई 15 दिन तक उस शादी वाले घर में रही और जिसको बेपनाह प्यार करती थी। उसकी पूरी शादी को कैमरे में कैद किया। सुनील के परिवार वालों ने बहुत ही धीरज के साथ मेरे सवालों का जवाब दिया। और इस मौके पर मुझे कितनी तकलीफ हो रही थी, उसका बयान नहीं कर सकती ।
प्रेमी की होने वाली पत्नी से नहीं की बात, शर्ट फिल्म को मिला खूब सारा प्यार सबसे बड़ी बात सुनील की शादी किसके साथ हो रही थी। मैंने उससे भी बात की थी। शूटिंग खत्म होने के बाद मैं वापस आ गई। जिसको प्यार किया उसकी पूरी शादी कवर की। अपने आप को एक चुनौती दे कर आगे बढ़ी। मेरी इस शार्ट फिल्म को सभी का प्यार मिला।