ये भी पढ़ें- राम मंदिर के लिए ट्रस्ट विदेश से नहीं ले पाएगा चंदा, यह नियम आ रहा आड़े बृज भवन चौबे गायत्री का पूर्व परिचित और उनकी कंपनी का निदेशक था। उसने ही पूर्व मंत्री गायत्री व उसके पुत्र समेत कई और लोगों पर एफआइआर दर्ज कराई थी। पूर्व मैनेजर ने अनिल के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति, धोखाधड़ी समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि गायत्री ने दुष्कर्म की एफआइआर दर्ज कराने वाली चित्रकूट निवासी महिला से सांठगांठ कर ली थी। गायत्री के बेटे अनिल प्रजापति ने बृज भवन से बोलकर मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति की संपत्ति उस महिला के नाम दर्ज करवाई थी। यही नहीं अनिल ने दुष्कर्म के मामले में बयान बदलने के लिए दो करोड़ रुपये भी महिला को दिए थे। लेकिन उसकी मांग बढ़ती गई। बृज भवन के मुताबिक गायत्री और उनके बेटे अनिल ने खरगापुर स्थित उनकी जमीन भी महिला के नाम करवा दी थी।
ये भी पढ़ें- फिर बढ़े घरेलू गैस सिलेंडर के दाम, जानें कितने में मिल रहा एफआईआर के बाद बाद से ही लखनऊ पुलिस अनिल की काफी समय से तलाश कर रही थी। गुरुवार को अनिल कोर्ट में पेशी पर आए पिता से मिलने आया था। सूत्रों के मुताबिक पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर को फोन पर इसकी जानकारी। जिसके आधार पर पुलिस ने अनिल को मौके से गिरफ्तार कर लिया।