यह भी पढ़ें : UP Home Guard Recruitment 2021: योगी सरकार भर्ती करने जा रही है 19000 होमगार्ड, मिलेगी अच्छी सैलरी पुलिस प्रशासन में था विकास दुबे का रसूख बताया जा रहा है कि यह मुकदमे कानपुर जिले के शिवली, कल्याणपुर, चौबेपुर और बिल्लौर थाने में दर्ज थे। इस खुलासे के बाद से साफ हो गया है कि गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) का पुलिस और प्रशासन में क्या रसूख था।
अधिकारियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई न्यायिक जांच आयोग ने 21 मुकदमों की फाइलों के गायब होने को गंभीर चूक माना है। न्यायिक जांच आयोग ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की बात अपनी जांच रिपोर्ट में लिखी है। बताया जा रहा है कि जिन 21 मुकदमों की फाइलें गायब है उनमें ज्यादातर में गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) बरी हो चुका था।
गुंडा एक्ट, जानलेवा हमले की फाइलें हैं गायब गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) के 21 मुकदमों की जो फाइलें गायब है इनमें 11 मुकदमे शिवली थाने में दर्ज हुए थे। चार मुकदमे कल्याणपुर थाने में, पांच मुकदमे चौबेपुर थाने और एक मुकदमा बिल्हौर थाने में दर्ज हुआ था। बताया जा रहा है कि यह मुकदमे गुंडा एक्ट, मारपीट, बलवा, जान से मारने की धमकी, जानलेवा हमला, पुलिस से मुठभेड़ और अन्य धाराओं से जुड़े हैं।
जांच में 37 पुलिसकर्मी दोषी कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) की मदद करने वाले 37 पुलिसकर्मी जांच में दोषी पाए गए हैं। इनमें 1996 से लेकर 2020 तक वे सभी पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन्होंने गैंगस्टर विकास दुबे (Gangster Vikas Dubey) को बचाने का काम किया है।