यूपीईडा की लेटेस्ट वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट के मुताबिक कुल 594 किलोमीटर एक्सप्रेसवे में से 490.48 किलोमीटर पर क्लीयरिंग और ग्रबिंग का काम हो चुका है। छह लेन वाली गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को काम में तेजी लाने के लिए चार समूहों में विभाजित किया गया है और हर समूह में तीन पैकेज शामिल हैं।
IRB 6,538 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले समूह 1 को क्रियान्वित कर रहा है तो वहीँ अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के तीन समूहों का निर्माण कर रहा है जिनमें (151.7 किमी, बदायूं से हरदोई तक, 155.7 किमी, हरदोई से उन्नाव तक और 156.9 किमी से उन्नाव से प्रयागराज तक) शामिल हैं। इस परियोजना कॉन्ट्रैक्ट की कुल लागत 17,085.16 करोड़ रुपये है।
ग्रुप वाइज पूरा हो चुका है इतना काम आईआरबी मेरठ और बदायूं के बीच परियोजना के समूह 1 से संबंधित है। उसने क्लीयरिंग और ग्रबिंग कार्य का 82 प्रतिशत पूरा कर लिया है। दूसरी ओर अडानी समूह ने परियोजना के समूह 2, समूह 3 और समूह 4 का क्लीयरिंग और ग्रबिंग कार्य क्रम अनुसार 84.9 प्रतिशत, 81.24 प्रतिशत और 82 प्रतिशत पूरा कर लिया है।
यूपी में नियोजित सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होने के नाते, उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना में गंगा एक्सप्रेसवे की महत्वपूर्ण भूमिका होने की उम्मीद है।
इन जिलों को जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे 12 जिलों- मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से गुजरते हुए एक्सप्रेसवे राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ेगा।
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली और प्रयागराज के बीच यात्रा के समय को 10-11 घंटे से घटाकर सिर्फ 6-7 घंटे कर देगा। इसके अलावा, राज्य सरकार की परियोजना के दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड सीमा पर मेरठ से तिगरी तक 110 किलोमीटर और प्रयागराज से बलिया तक 314 किलोमीटर तक दोनों छोर पर गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार करने की योजना है।