लखनऊ. उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े एक्सप्रेस हाइवे ‘गंगा एक्सप्रेसवे’ (Ganga Expressway) के निर्माण के लिये सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियां भी रूचि ले रही हैं। अब तक गंगा एक्स्पेसवे के निर्माण के लिये आगे आई 11 में से दो विदेशी कंपनियां हैं। इनमें से एक मलेशिया (Malaysia) और एक दक्षिण कोरिया (South Corea) की कंपनी है। इसके अलावा इसके निर्माण की रेस में अडानी रोड ट्रांसपोर्ट (Adani Road Transport) भी है। गंगा एक्सप्रेसवे पीपीपी माॅडल (PPP Model) पर डीबीएफओटी (DBFOT) के आधार पर बनाया जएगा।
इसके निर्माण के लिये न सिर्फ देश की बड़ी और दिग्गज बल्कि विदेशी कंपनियां भी इसमें रूचि ले रही हैं। इसमें मलेशिया की आईजेएम और दक्षिण कोरिया की आइरकान इंटरनेशनल भी शामिल है।
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यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी और अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास विभाग की अध्यक्षता में निविदा मुल्यांकन समिति की हुई बैठक में 11 कंपनियों के रूचि की अभिव्यक्ति अभिलेख (एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट) प्रस्ताव मिले हैं। यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश अवस्थी ने सभी निविदाकर्ताओंं को भरोसा दिलाया है एक्सप्रेसवे के निर्माण की शुरुआती दौर की प्रक्रियाएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी और उसके बाद भूमि अधिग्रहण शुरू करने की दिशा में तेजी से काम होगा।
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बताते चलें कि गंगा एक्सप्रेसवे यूपी सरकार की बेहद मतहत्वकांक्षी योजना है। मेरठ से लेकर प्रयागराज (Meerut to Prayagraj) तक 594 किलोमीटर लंबे इस सड़क प्रोजेक्ट का निर्माण पीपीपी मोड के तहत डीबीएफओटी यानि डिजाइन, बिड, फाइनेंस, ऑपरेट, मेंटेन एंड ट्रांसफर के आधार पर किया जाएगा। मेरठ से हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बंदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक आएगा। यह सात नेशनल हाइवे को जोड़ेगा।
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इन कंपनियों ने दिखायी है रुचि
आईजेएम काॅर्पोरेशन (मलेशिया), आइरकान इंटरनेशनल (साउथ कोरिया), अडानी रोड ट्रांसपोर्ट, पीएनसी इंफ्राटेक, वेलस्पन इंटरप्राइजेज, अशोका बिल्डकाॅन, माॅन्टेकार्लो, ओरियंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स, प्रकाश टोल हाइवे, ग्वार कंस्ट्रक्शन