– एक्सप्रेस वे के बेहतर नेटवर्क एवं इंटर कनेक्टिविटी से प्रदेश का हर छोर प्रदेश व देश की राजधानी से जुड़ेगा – 6 लेन दिन (8 लेन विस्तारणीय) परियोजना की अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपए
– सात रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 375 अंडरपास, 9 जन सुविधा परिसर, दो टोल प्लाजा व 15 रेप टोल प्लाजा का निर्माण प्रस्तावित – 17 स्थानों पर इंटरचेंज की सुविधा मिलेगी।
– शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर हवाई पट्टी का निर्माण होगा। – ग्रीन एक्सप्रेसवे, 18,55,000 वृक्षारोपण एवं वाटर रिचार्जिंग। – तीव्र सुगम ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी के साथ रोजगार एवं निवेश के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
– रोहिलखंड एवं विंध्य के कम विकसित क्षेत्र में कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। – उत्पादन इकाइयों विकास केंद्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के के लिए औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा।
– शिक्षण, प्रशिक्षण एवं मेडिकल संस्थान की स्थापना हेतु अवसर सुलभ होंगे – खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण गृह, मंडी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना में सहायक होगा – प्रवेश नियंत्रित होने के कारण सुरक्षित ईंधन व स्थान व समय की बचत के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण होगा।
सिर्फ 8 घंटे में मेरठ से पहुंच जाएंगे प्रयागराज – मेरठ से प्रयागराज तक यूपी के 12 जिलों से होकर गंगा एक्सप्रेस वे गुजरेगा। लिहाजा गंगा एक्सप्रेसवे यूपी के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र को आपस में जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (एनएच-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज बाइपास (एनएच 19) पर जुडापुर दांदू ग्राम के पास समाप्त होगा। मेरठ से प्रयागराज तक इसकी दूरी 594 किमी है। गंगा एक्सप्रेसवे की वजह से मेरठ और प्रयागराज के बीच का सफर सिर्फ 8 घंटे में पूरा हो जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति 120 किमी/घंटा तय की गई है। इसके निर्माण पर करीब 36 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे।