घाटों का होगा सौंदर्यीकरण नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा को स्वच्छ बनाने में जुटी योगी सरकार की नई योजना से सहायक नदियों के घाटों की सूरत बदली जाएगी। नदी के किनारे बने पुराने घाटों को संवारने के साथ गांव-गांव में गंगा मेले जैसे आयोजन भी शुरू होंगे। इस संबंध में नमामि गंगे परियोजना से इन घाटों की सूरत बदलने की योजना को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश अफसरों को दिये गए हैं। गंगा नदी के किनारे घाटों को सुंदर बनाने, नए घाटों को विकसित करने और नदी किनारे बसे गांव में गंगा मेला जैसे आयोजन की कार्ययोजना को तेजी से पूरा करने के लिए कहा गया है।
गंगा में प्रदूषण को रोकेगी सरकार गौरतलब है कि प्रदेश में बिजनौर से शुरू होकर काशी, प्रयागराज, कानपुर के रास्ते बलिया होकर बिहार जाने वाली गंगा में गिरने वाले नालों को बड़े स्तर पर अभियान चलाकर राज्य सरकार ने या तो रोक दिया है या उनको टैप कर दिया गया है। यहां बड़े-बड़े एसटीपी बनाएं गये हैं और कई जगह पर गंगा में गिरने वाले नारों को बंद करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सरकार का ध्यान अब गंगा में मिलने वाली नदियों के प्रदूषण को रोकने पर है, जिससे गंगा को और स्वच्छ बनाया जा सके। तय योजना के मुताबिक प्रदेश भर में गंगा में कही न कहीं मिलने वाली नदियों को प्रदूषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया गया है।
इन नदियों में गिरने वाले सीवेज को चिन्हित करके उनको बंद करने के साथ नदी के दोनों किनारों पर बसे गांव, शहरों और कालोनियों के लोगों को जागरूक करने के प्रयास शुरू होंगे। नदियों के घाटों को सुंदर बनाकर स्थानीय लोगों को सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक रूप से जोड़ने की अनूठी योजना भी बनाई गयी है।
इन प्रमुख नदियों के घाटों की बदल जाएंगी सूरत नमामि गंगे परियोजना से गंगा से मिलने वाली रामगंगा, बेतवा, घाघरा, सरयू, राप्ती, वरुणा, काली, यमुना, हिंडन, गर्गो, केन, गोमती और सई के किनारे घाटों की सूरत बदली जाएगी।