इस तरह हुए धोखे का शिकार विपुलखंड निवासी प्रशांत सिंह के अनुसार कंपनी के निर्माण के वक्त जापलिंग रोड शालीमार इमराल्ड निवासी वंदना यादव निदेशक के तौर पर जुड़ी थी। उनके साथ पति विवेक यादव और सीए तुषार नागर जुड़े थे। बाद में आरोपितों ने मनोज कुमार सिंह, विनोद सिंह और नवी मुंबई गोरेगांव निवासी कुलविंदर सिंह को भी प्रशांत की अनुमति के बिना शेयरधारक बना लिया था। वन्दना ने कंपनी से जुड़ते वक्त शुरुआती तौर पर 28 लाख रुपये का निवेश कर शेयर हासिल किए थे। कुछ वक्त बाद आरोपियों ने तुषार नागर की मदद से रिकॉर्ड में हेरफेर करना शुरू कर दिया था।
एफआईआर में प्रशांत ने बताया कि उनकी कंपनी को प्रयागराज में 132 केवी भूमिगत केबिल बिछाने का काम मिला था। इस दौरान वंदना ने पिसेशिया फर्म से पांच करोड़ रुपये एसवीवाई इंफ्रा को ऋण के तौर पर जारी कर दिए। एसबीवाई फर्म का संचालन वंदना और उनके पति करते हैं। पीड़ित के मुताबिक आरोपियों ने कई फर्मों से लेनदेन के जाली बिल और भुगतान आर्डर भी तैयार कराए थे। प्रशांत के अनुसार करीब 72 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी उनके साथ की गई है।
कुलविंदर सिंह को छह करोड़ प्रशांत के मुताबिक, मुम्बई निवासी कुलविंदर सिंह को आरोपियों ने जुहू में बंगला खरीदने के लिए छह करोड़ दिए थे। अक्टूबर 2020 में मुंबई क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी में कुलविंदर को गिरफ्तार किया था। इसी से प्रशांत को अंडरवर्ल्ड डॉन और कुलविंदर के रिश्तों का पता चला था।