ये भी पढ़ें- तीसरे मोर्चे का गठन कर सकते हैं अखिलेश यादव, बैठक में आए बड़े सुझाव, उपचुनाव को लेकर दिए गए निर्देशक एक ही दिन पहले हुए थे कांग्रेस से निष्कासित-
गुरुवार को ही कांग्रेस विरोधी गतिविधियों के चलते भालचंद्र यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। निष्कासन की कार्रवाई के एक दिन बाद ही उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
गुरुवार को ही कांग्रेस विरोधी गतिविधियों के चलते भालचंद्र यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। निष्कासन की कार्रवाई के एक दिन बाद ही उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
ये भी पढ़ें- लखनऊ चारबाग से चलने वाली कई ट्रेन 17 जुलाई तक रद्द, रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों में मचा हड़कंप मायावती शामिल कर रहीं पुराने नेताओं को शामिल-
सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव में शुन्य से 10 तक का सफर तय करने वाली बहुजन समाज पार्टी इन दिनों उपचुनाव में व्यस्त हैं। साथ ही मायावती पार्टी से जा चुके कई वरिष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल करने की रणनीति पर भी काम कर रही है। भालचंद्र से इसकी शुरुआत हो गई है।
सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव में शुन्य से 10 तक का सफर तय करने वाली बहुजन समाज पार्टी इन दिनों उपचुनाव में व्यस्त हैं। साथ ही मायावती पार्टी से जा चुके कई वरिष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल करने की रणनीति पर भी काम कर रही है। भालचंद्र से इसकी शुरुआत हो गई है।
ये भी पढ़ें- सड़क हादसों को लेकर सीएम योगी ने बुलाई बैठक, परिवहन के नियम को लेकर सभी जिलाधिकारियों को तुरंत दिए यह निर्देश, मचा हड़कंप…. मुलायम के करीबी माने जाते हैं भालचंद्र-
भालचंद्र यादव समाजवादी पार्टी के पुराने नेता माने जाते हैं और मुलायम के बेहद करीबी हैं। भालचंद यादव ने 2004 और 2009 में संतकबीरनगर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। 2014 में मोदी लहर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और वहां से भाजपा के शरद त्रिपाठी ने जीत हासिल की थी। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में सपा के बसपा के गठबंधन से भालचंद्र नाखुश थे।
सपा के खिलाफ की थी बगावत- सपा का बसपा से गठबंधन होने के बाद संत कबीर नगर की सीट बसपा के पाले में चली गई थी। जिससे सपा से दो बार सांसद रहे भालचंद्र यादव काफी आहत हुए। पार्टी में अपनी अनदेखी के बाद उन्होंने सपा से बगावत कर दी थी। गठबंधन के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई। अंत में उन्होंने सपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कांग्रेस ने संत कबीर नगर संसदीय क्षेत्र से अपने प्रत्याशी (परवेज खान) को बदलकर 24 घंटे पहले पार्टी में शामिल हुए भालचंद्र यादव को टिकट दे दिया था।